जातीय जनगणना के पक्ष में नीतीश कुमार केंद्र की असहमति के बाद करेंगे राज्यस्तरीय कोशिश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को जनता के दरबार कार्यक्रम में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि जाति आधारित जनगणना में क्या करना है और क्या नहीं करना, यह केंद्र सरकार के ऊपर निर्भर है। मिलकर अपनी बात रखने से किसी को एतराज नहीं होना चाहिए।

भाजपा को भी सूचना दी गई है कि इस मसले पर प्रधानमंत्री से मिलकर अपनी बात रखी जानी है जिसके लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उनसे समय लिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गलत कहा जा रहा कि जाति आधारित जनगणना से समाज में तनाव होगा बल्कि इससे खुशी होगी।

उन्होंने सभी के संतुष्टि की बात रखी। यह दावा इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि भाजपा के कई नेता इस विचार पर अपनी असहमति जताते हुए इसे समाज में असंतुष्टि का भाव पैदा करने वाला बता चुके हैं।

कई राज्यों द्वारा इस तरह के जनगणना का पक्ष भी उन्होंने आगे किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि विधानसभा और विधान परिषद में वर्ष 2019 में तो यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुआ था। इसके बाद 2020 में भी विधानसभा से यह सर्वसम्मति से पारित हुआ।

इस बार जब विपक्ष से यह प्रस्ताव आया कि सभी को मिलकर प्रधानमंत्री के समक्ष अपनी बात रख देनी चाहिए। बिहार में दूसरे राजनीतिक दल जाति आधारित जनगणना की मांग कर रहे हैं। मुख्‍य विपक्षी दल राजद और कांग्रेस के अलावा सरकार में सहयोगी जीतन राम मांझी की पार्टी हम ने भी इसी साल जाति आधारित जनगणना कराने की मांग की है।

जातिगत जनगणना के मुद्दे पर मीडिया से बातचीत में नीतीश कुमार का यह बयान रहा- “कोशिश होगी कि सब लोग मिलकर जाएं। अपनी बात को बिहार के अंदर जो सर्वसम्‍मति के प्रस्‍ताव है, उसके बारे में अपनी बात रख देनी चाहिए।

इस मसले पर क्‍या करना है, क्‍या नहीं करना है, यह तो केंद्र सरकार के ऊपर निर्भर है, इसलिए मिलने से मुझे नहीं लगता कि किसी को ऐतराज होना चाहिए। एक बात तो हो गई है, हम लोग सहमत हैं कि यह मिलना चाहिए। बातचीत कर ही लेंगे।

जो भी बात होगी, बाद में सामने आएगा। यह कम से कम एक बार होना चाहिए। इससे सभी सामाजिक वर्गों को लाभ होगा। शासन में भी सुधार होगा क्योंकि विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों की बेहतरी के उद्देश्य से लक्षित योजनाएं अधिक प्रभावी हो जाएंगी।”

केंद्र सरकार द्वारा इस मांग को खारिज कर देने के बाद उनका क्या रुख होगा के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके पास राज्यस्तरीय कवायद का विकल्प खुला है।

Read More

  1. ललन सिंह को जद(यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान
  2. दिल्ली में भारी बारिश से परेशानी, हुआ जलभराव
  3. ओलंपिक के सेमीफाइनल में भारतीय पुरुष हॉकी टीम के लिए हार्दिक सिंह ने अंतिम मिनट पर दागा गोल
  4. तेजस्वी यादव ने फिर किया विपक्षी दलों के साथ आने की मांग का आह्वाहन
  5. अखिलेश यादव ने शुरू की छोटे दलों को एक साथ लाकर भाजपा को हराने की मुहिम
  6. प्रधानमंत्री मोदी ने गिनाए ई-रुपी के फायदे, किया लॉन्च
  7. सांसद प्रिंस राज ने भाई चिराग पासवान को की सुलह की पेशकश
  8. उत्तर प्रदेश में 16 अगस्त से 50 फ़ीसदी क्षमता के साथ फिर खुल रहे हैं स्कूल
  9. परिवार की गोपनीयता का सम्मान करने के लिए आया शिल्पा शेट्टी का बड़ा बयान
  10. अक्षय कुमार की नई फिल्म का आज आ रहा है ट्रेलर

11 thoughts on “जातीय जनगणना के पक्ष में नीतीश कुमार केंद्र की असहमति के बाद करेंगे राज्यस्तरीय कोशिश

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *