अगस्त 2019 से पहले आए दिन कश्मीर बंद रहता था। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में बदलाव की तस्वीर दिख रही है।
नए बिजनेस स्टार्टअप्स की मानो तो पूरे कश्मीर में बाढ़ आ गई है, महिलाएं और युवा प्रदेश में अब बदलाव ला रहे हैं। कश्मीर के लोग अब टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना शुरू कर दिए हैं, लोगों का कहना है कि टेक्नोलॉजी की मदद से कश्मीरी कालीन और पश्मीना शॉल बनाने के काम में काफी तेजी आई है।
अब कंप्यूटर स्क्रीन पर कालीन की डिजाइन बनाई जा रही है। डिजाइनर का कहना है कि पहले एक डिजाइन बनाने में 3 से 4 महीने लगते थे लेकिन अब सॉफ्टवेयर की मदद से काम तेज हुआ है और अब साल में 50 से 60 पश्मीना कालीन बना लेते हैं जिसमें 90% विदेश जाते हैं।
वहीं क्रिकेट बैट की बात करें तो एआई के इस्तेमाल से क्रिकेट बैट की क्षमता बढ़ाई जा रही है। पहले कश्मीर विलो बैट इंटरनेशनल क्रिकेट में इस्तेमाल नहीं होता था।
अनंतनाग के बैट मेकर फैजुल कबीर टेक्नोलॉजी से कश्मीरी विलो बैट को नई पहचान दे रहे हैं। उनका कहना है उन्होंने कश्मीरी विलो बैट पर 13 साल रिसर्च किया, खामियाँ पहचाना तब इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के हिसाब से बैट बनाने लगे।
आगे उन्होंने कहा कि एआई बेस्ड कंप्यूटर मॉनिटर कंप्रेसर मशीन के मदद से कश्मीरी विलो बैट की पावर और हिट क्षमता बढ़ी है। इससे बैट विदेश तक जा रहे हैं साथ ही कारीगरों को साल के 365 दिन काम मिलने लगे हैं।
एक समय था जब आतंकी बंदूक के दम पर घरों में घुस जाते थे और लोगों का शोषण करते थे पर अब कश्मीर बदल रहा है।
ReplyForward
|