झारखंड हाईकोर्ट ने धनबाद के एडीजे उत्तम आनंद की संदिग्ध मौत के मामले में प्रधान जिला जज की रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया। घटना यह है कि बुधवार की सुबह जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद मार्निंग वॉक पर निकले थे, इसी दौरान रणधीर वर्मा चौक पर पीछे से एक ऑटो ने उन्हें बुरी तरह टक्कर मार दी। घटना के बाद ऑटो चालक वाहन लेकर फरार हो गया।
मौके पर जुटी भीड़ में से स्थानीय लोगों ने जज को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनकी मौत हो गई है। वहीं, पुलिस इस घटना को हत्या की एंगल से जांच कर रही है। जज कई संगीन मामलों की सुनवाई कर रहे थे। आशंका जताई जा रही है कि बदमाशों ने इस घटना को अंजाम दिया है।
पुलिस को इस घटना का सीसीटीवी फुटेज मिला है जिसमें साफ दिख रहा है कि जज उत्तम आनंद सड़क किनारे धीमी गति से दौड़ लगा रहे थे। अचानक पीछे से एक ऑटो उन्हें टक्कर मारकर तेजी से भाग निकलता है। बता दें कि उत्तम आनंद हजारीबाग के रहने वाले थे।
उनके पिता और भाई हजारीबाग कोर्ट में वकील हैं। उत्तम आनंद के कोर्ट में कई बड़े केस की सुनवाई चल रही थी। इसमें यूपी के शूटर अभिनव प्रताप सिंह के मामले की सुनवाई भी इनके कोर्ट में चल रही थी जिसने धनबाद में कई छोटी-बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया है।
जेल में बंद दर्जनों हत्याकांड में संलिप्त गैंगस्टर अमन सिंह मामले की सुनवाई भी इन्हीं की अदालत में चल रही थी। मामले में पुलिस ने ऑटो चालक जोड़ापोखर कुम्हारपट्टी निवासी लखन कुमार वर्मा व उसके साथी डिगवाडीह निवासी राहुल वर्मा को गिरफ्तार कर ऑटो को गिरिडीह से जब्त किया है।
पूछताछ के दौरान पता चला कि घटना के समय लखन ऑटो चला रहा था और राहुल उसके साथ आगे बैठा हुआ था और दोनों घटना को अंजाम देने के बाद फरार हो गये। ये दोनों चोरी के आरोप में पहले भी जेल जा चुके हैं।
एसएसपी ने बताया कि भौरिक खटाल के निकट सुगनी देवी का ऑटो चोरी हुआ था जिससे जज को टक्कर मारी गई है। घटना के समय जज का सरकारी बॉडीगार्ड उनके साथ नहीं था इसलिए उससे भी स्पष्टीकरण मांगा गया है। हाईकोर्ट में बैठी खंडपीठ ने इसे एक ब्रूटल मडर करार दिया है।
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