संसद में हुआ हंगामा तो याद आईं सुषमा स्वराज, जानें क्यों?

संसद में शुरू हुए इस बार के मानसून सत्र में अलग ही नजारा देखने को मिला। जहां विपक्ष लगातार अपनी मांगों को लेकर हंगामे पर अड़ा रहा वहीं सरकार की ओर से ऐसे कई बिल और विधेयक बिना चर्चा के पारित और पास कर दिए गए।

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कोरोना काल के बीच 19 जुलाई से शुरू हुआ संसद का मानसून सत्र बुधवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। मानसून सत्र के लिए 19 जुलाई से 13 अगस्त तक की तारीख तय की गई थी, लेकिन हंगामे के कारण दो दिन पहले ही सत्र को समाप्त कर दिया गया।

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लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई। संसद का मानसून सत्र 13 अगस्त तक चलने वाला था किंतु तय अवधि से दो दिन पहले ही सदन की कार्यवाही अध्यक्ष द्वारा अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दी गई।

मानसून सत्र के आखिरी हफ्ते में सरकार को घेरने के लिए फिर से हुई विपक्षी दलों की बैठक

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अगुवाई में हुई इस बैठक में कांग्रेस, डीएमके, तृणमूल कांग्रेस(टीएमसी), एनसीपी, शिवसेना, समाजवादी पार्टी(सपा), सीपीआईएम, राजद, आप, सीपीआई, आईयूएमएल, एलजेडी, आरएसपी, नेशनल कॉन्‍फ्रेस और केसी (एम) के प्रतिनिधियों ने हिस्‍सा लिया। बैठक में राज्‍यसभा के विपक्ष के नेता कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खडगे भी मौजूद रहे।

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संसद के मानसून सत्र में देश की हालिया स्थिति, महंगाई और पेगासस जासूसी मामले को लेकर हंगामा बरपा हुआ है।

हंगामे और नारेबाजी के बीच बिना चर्चा किए ही पास हो गए ये सारे बिल

मानसून सत्र की हंगामेदार कार्यवाही के बीच लोकसभा से बिना चर्चा के 5 बिल और 2 विनियोग विधेयक(एप्रोप्रिएशन बिल) पास हुए हैं।

संसद में 9वें दिन भी जारी रहे गतिरोध पर स्पीकर ने दी कार्रवाई की चेतावनी

पेगासस जासूसी मामले एवं कुछ अन्य मुद्दों पर लोकसभा में विपक्षी सदस्यों का शोर-शराबा गुरुवार को भी जारी रहा। विपक्षी दलों के सदस्यों की नारेबाजी के कारण सदन की कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद दोपहर 2:25 पर दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।

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गौरतलब है कि पेगासस जासूसी, तीन कृषि कानूनों सहित विभिन्न मुद्दों पर सदन में लगातार हंगामा होने की वजह से संसद के मानसून सत्र की पिछले सप्ताह शुरूआत होने के बाद से अब तक, कोविड महामारी के प्रबंधन पर चार घंटे की चर्चा के अलावा अन्य कोई कामकाज नहीं हो पाया है।

शुरू हुआ संसद का मानसून सत्र, पहले ही दिन देखने को मिला भारी हंगामा

कोरोना संकट के बीच 19 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू हो गया। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी जिसमें कहा गया कि सांसदों को महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए। इसके साथ ही विपक्षी दलों ने भी अपनी एक बैठक बुलाते हुए सरकार को मुद्दों के ऊपर घेरने की रणनीति तैयार की थी।

मानसून सत्र में संसद के बाहर हर रोज़ होगा किसानों का प्रदर्शन

संयुक्त किसान मोर्चा(एसकेएम) ने रविवार को यह ऐलान किया कि 19 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मॉनसून सत्र के दौरान संसद के सामने केंद्र के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ रोज़़ करीब 200 किसानों का एक समूह प्रदर्शन करेगा।

संसद सत्र के पहले दिन मोदी ने दोहराया सेना के साथ खड़े रहने का संकल्प, कोरोना को हलके में न लेने की दी सलाह, देखें वीडियो

सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया से बातचीत करते हुए इशारों ही इशारों में चीन को चेताते हुए कहा कहा की हर परिथिति में सेना के जवान देश की सुरक्षा में मुस्तैद है और पूरा देश इन वीर जवनों के साथ खड़ा है.

कोरोना और लॉकडाउन संकट के बीच बम्पर पैदावार का अनुमान, बुवाई का बना रिकॉर्ड

भारत सरकार द्वारा समय पर बीज, कीटनाशक, उर्वरक, मशीनरी और ऋण जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने की वजह से कोविड-19 महामारी की लॉकडाउन स्थितियों में भी बुवाई क्षेत्र में बढ़ोतरी संभव हो पाया है।

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अच्छी खबर- सिंचाई, पनबिजली परियोजना में नही आएगी दिक्कत,इस साल हुआ रिकॉर्ड जलसंग्रह, पढ़ें

इन जलाशयों में से 43 जलाशयों से 60 मेगावाट से ज्यादा की स्थापितक्षमता की पनबिजली प्राप्त होती है। इन 123 जलाशयों की जल संग्रहण की कुल क्षमता171.091बीसीएम है जो कि पूरे देश में अनुमानित जल संग्रहण क्षमता 257.812 बीसीएम का लगभग 66.36 प्रतिशत है।

अंतिम मानसून सत्र में मुसीबत में सरकार, विपक्ष बेकरार, क्या कुछ होगा खास?

हंगामे और अविश्वास प्रस्ताव लाने की गहमागहमी के बीच शुरू हुए इस सत्र में क्या नतीजा निकलेगा और अपने अंतिम मॉनसून सत्र में सरकार क्या कुछ उपलब्धि हासिल कर पायेगी यह तो आने वाले कुछ दिनों में ही साफ हो पायेगा। बस जनता को सरकार और विपक्ष से सदन के सुचारू रूप से चलने देने की उम्मीद है।