राहुल गांधी और पीएम मोदी की तुलना अक्सर एक दूसरे से की जाती है। दोनो ही बड़े नेता हैं। दोनो ही अपने अपने दलों के सर्वमान्य नेता हैं। इसके बावजूद कहीं न कहीं दोनो में कुछ मसलों को लेकर एक बड़ा अंतर जरूर है। इसी अंतर का असर उनकी राजनीतिक समझ, सोच और नतीजों पर भी देखने को मिलता है। ऐसे में आइये जाने राहुल-मोदी के बीच कुछ बड़े अंतर क्या है?
1. राहुल को राजनीति विरासत में मिली है वहीं मोदी एक सामान्य कार्यकर्ता से लेकर संगठन और पार्टी की कई अन्य जिम्मेदारियों को सम्भालते हुए यहां तक पहुंचे हैं। ऐसे में जमीनी हकीकत से राहुल दूर हैं।
2.पीएम मोदी के बारे में वह खुद भी कह चुके हैं कि वह बहुत ही सामान्य परिवार से आते हैं और बचपन मे चाय तक बेच चुके हैं। वहीं राहुल का परिवार शुरू से एक वीवीआइपी परिवार रहा है। ऐसे में मोदी और राहुल के सोचने, समझने के नजरिया में बड़ा अंतर है।
3. राजनीतिक अनुभव की बात करें तो इसमें भी राहुल पीछे हैं। राहुल जहां सांसद रहे हैं वहीं मोदी तीन बार गुजरात के सीएम रह चुके हैं। इसके अलावा कई ऐसे मुद्दों का सामना डंट कर किया है जिसमे शायद कोई और नेता होता तो राजनीतिक जीवन समाप्त हो जाता। उदाहरण स्वरूप गुजरात दंगों और गोधरा कांड के बाद मोदी पर लगे आरोपों की ही करें तो सारी बात स्पष्ट हो जाती है।
4.राहुल भले ही आज पार्टी के अध्यक्ष हैं लेकिन उनकी स्वीकार्यता सही ढंग से न कार्यकर्ताओं में है, न पार्टी के बड़े नेताओं में जबकि मोदी की लोकप्रियता और स्वीकार्यता देश और विदेश तक जग जाहिर है