उत्तरप्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर बनाने का मुद्दा 2019 लोकसभा चुनावों से पहले फिर पूरे उफान पर है। बीजेपी के लिए जहां यह मुद्दा सरदर्द बढ़ाने वाला साबित हो रहा है वहीं इसे लेकर अब राज्य की योगी और केंद्र की मोदी सरकार की परेशानी बढ़ती दिखाई दे रही है। बीजेपी के अंदर ही राम मंदिर बनाने को लेकर अध्यादेश लाने का दबाव और विरोध के स्वर उभरने लगे हैं।
शिवसेना और विश्व हिंदू परिषद सरीखे संगठन अयोध्या में धर्म संसद के आयोजन की बात को लेकर अड़े हुए हैं। लाखों की संख्या में लोग पहुंचने लगे हैं। ऐसे में शांति और कानून व्यवस्था जहाँ केंद्र और राज्य के लिए चिंता का सबब बन गई है वहीं इस मुद्दे पर बढ़ते बवाल को देखते हुए ऐसा कहा जा सकता है कि अब कोई फैसला लिए बिना बीजेपी को फायदा नही सिर्फ नुकसान ही हो सकता है।
खैर इन सभी चर्चाओं, विरोध और मांगों के बीच बीजेपी के उन्नाव से सांसद और विवादित नेता साक्षी महाराज का एक बड़ा बयान सामने आया है। इस बयान में उन्होंने कहा कि जब मैं राजनीति में आया था तब सबसे पहले मैंने कहा था कि अयोध्या और काशी को छोड़ो सबसे पहले दिल्ली की जामा मस्जिद को तोड़ो, अगर वहां सीढ़ियों के नीचे मूर्तियां न मिली तो मुझे फांसी पर लटका देना।
वह यहीं नही रुके और सुप्रीम कोर्ट के बारे में कह गए कि अनावश्यक मुद्दों को सुलझाया जा रहा है जबकि राम मंदिर जैसे अहम मुद्दे को जानबूझकर लटकाया गया है। उन्होंने कहा कि वह पहले भी इस बयान पर कायम थे और आज भी है। आपको बता दें कि साक्षी महाराज की तरफ से आया यह कोई पहला विवादित बयान नही है। वह अक्सर अपने ऐसे बयानों की वजह से चर्चा में रहते हैं। खैर इस बयान से यह तो साफ है कि बीजेपी के अंदर भी इस मुद्दे पर अब दो फाड़ है।