देश मे फेसबुक और व्हाट्सएप्प को कंट्रोल करने संबंधी विवाद अब संसदीय समिति के आपसी विवाद के रूप में गहराता नजर आ रहा है। समिति के अध्यक्ष और सदस्यों में एकमत न हिने की वजह से अब यह मामला लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला के पास पहुंच गया है। इन सब के बीच दिलचस्प यह है कि समिति का कार्यकाल 12 सितंबर को खत्म हो रहा है जिसके बाद यह उम्मीद काफी कम है कि इसके वर्तमान अध्यक्ष का कार्यकाल आगे बढ़ाया जाएगा।
दरअसल यह विवाद तब बढ़ गया जब झारखंड की गोड्डा सीट से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने समिति के कामकाज के तरीके पर सवाल उठाते हुए इससे संबंधित एक चिट्ठी लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को भेज दी। इस पत्र में निशिकांत दुबे ने संसदीय नियम कायदे के उल्लंघन और कमिटी की गरिमा से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। उन्होंने शशि थरूर को पद से हटाने की मांग भी की है।निशिकांत दुबे के अलावा एक अन्य भाजपा सांसद व समिति सदस्य राज्यवर्द्धन राठौर भी इसमें कूद पड़े हैं। उन्होंने भी थरूर के कामकाज के तरीके पर सवाल खड़ा किया।
आपको बता दें कि यह विवाद ऐसे समय मे सामने आया है जब समिति ने फेसबुक और व्हाट्सएप्प के अधिकारियों को सफाई देने के किये 2 सितंबर को उपस्थित होने के लिए कहा है। इस बैठक में फेसबुक और व्हाट्सएप्प के अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स और इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के अधिकारियों को भी उपस्थित रहने को कहा गया है।
गौरतलब है कि अमेरिका के अखबार द वॉल स्ट्रीट जर्नल (डब्ल्यूएसजे) ने फेसबुक की निष्पक्षता पर सवाल उठाए थे। डब्ल्यूएसजे ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि फेसबुक ने भाजपा नेताओं और कुछ समूहों के ‘हेट स्पीच’वाली पोस्ट के खिलाफ कार्रवाई करने में जानबूझकर कोताही बरती। उन्हें जल्द नहीं हटाया।कांग्रेस ने इस मामले की जांच संयुक्त संसदीय कमेटी (जेपीसी) कराने की मांग की है।