मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि, एक झटके में भारत से बाहर होंगे 40 लाख घुसपैठी

2014 के चुनावों में एक मुद्दा खूब छाया हुआ था। यह मुद्दा था देश के कई राज्यों में अवैध रूप से रह रहे घुसपैठियों को बाहर निकालने का। पीएम मोदी ने इसे अपने चुनावी रैलियों में भी खूब उछाला था। अब इसे अमलीजामा पहनाया जा चुका है। इस कदम के बाद सिर्फ असम के तकरीबन 40 लाख अवैध नागरिक देश से बाहर हो जाएंगे।

उन्हें उनके मूल देश वापस भेजने की तैयारी इसी के साथ शुरू हो जाएगी। इन लोगों में वह लोग शामिल हैं जो 1971 के बांग्लादेश विभाजन के दौरान अवैध तरीके से भारत मे आये और बस गए। इन लोगों के असम में आने के बाद वहां सामाजिक और आर्थिक बदलाव हुए जिनके परिणामस्वरूप राज्य में हिंसा की घटनाएं बढ़ी और सामाजिक अस्थिरता भी आई। इसको लेकर लंबा आंदोलन भी चला। हालांकि पूर्ववर्ती सरकारों के टालमटोल और वोट बैंक के लोभ में यह अब तक अटका हुआ था।


2014 में मोदी सरकार और 2016 में असम में सर्वानंद सोनवाल की अगुवाई में पहली बीजेपी सरकार आने के बाद इस मामले में तेजी आई। सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अमली जामा पहनाने की प्रक्रिया शुरू हुई। और नाम दिया गया नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन यानि एनआरसी। यह दो बार मे जारी हुआ।

पहली बार इज़के आंकड़े एक जनवरी की आधी रात को जारी किए गए और दूसरी बार आज। इस दौरान 3.29 करोड़ लोगों की नागरिकता की जांच की गई। इसके लिए 6.5 करोड़ दस्तवेज़ों को जांचा और परखा गया। इन सभी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद तकरीबन 40 लाख लोग ऐसे हैं जिन्हें अब भारत छोड़ना होगा क्योंकि वह अपनी नागरिकता साबित नही कर सके। 


इसे जारी करने से पहले राज्य में सुरक्षा व्यवस्था को बनाये रखने के लिए सीआरपीएफ की 220 कंपनियां तैनात की गईं हैं। कई जिलों में धारा 144 लागू है। अब देखना है सरकार कानून व्यवस्था के साथ इन अवैध घुसपैठियों को संभालने में किस हद तक सफल हो पाती है। हालांकि यह भी तय है कि अब तक बीजेपी के लिए फायदे का सौदा नजर आ रहे इस मुद्दे का नुकसान भी है। क्योंकि इसमें बांग्लादेशी मुस्लिमों के साथ बांग्ला हिन्दू भी हैं। खैर नफा नुकसान से परे यह तो तय है कि यह एक बड़ी उपलब्धि है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *