किसान आत्महत्या एक ज्वलंत मुद्दा बनता जा रहा है हालांकि आज भी इस पर इतनी गंभीरता से बात नही हो रही जितना वर्तमान परिपेक्ष्य में आवश्यक है। और तो और इस पर विवादित बयान भी सामने आते रहे हैं। इसी क्रम में एक बार केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह भी तब बुरे फंस गए जब 2015 में राज्यसभा में उन्होंने किसान आत्महत्या के मसले पर जवाब देना शुरू किया था।
कृषि मंत्री ने अपने भाषण में किसानों के आत्महत्या करने के पीछे की वजह उनकी पारिवारिक समस्या, बीमारी, ड्रग्स, दहेज, प्रेम संबंध और नामर्दी को बता दिया था। इस बयान के बाद विपक्ष ने इसका जम कर विरोध किया हालांकि तब मंत्री जी ने यह कहते पीछा छुड़ाया की यह उनका निजी बयान या सोच नही है ऐसा नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो के आंकड़े और कारण कह रहे हैं। हालांकि उन्होंने कर्ज को भी एक बड़ी समस्या मानने से इनकार नही किया था।