2017 में अचानक बच्चों में आत्महत्या की प्रवृति बढ़ती दिखी लेकिन जब मामले खुले तो सब सत्र रहे गए। इसके पीछे वजह था एक गेम जिसे मोबाइल या कंप्यूटर के माध्यम से खेलना था। इस गेम का नाम था ब्लू व्हेल। इस पर सरकार ने बैन भी लगा दिया लेकिन इसके बावजूद न जाने कितने बच्चे इसके शिकार हुए या होते होते बचे। यह कोई ऐसा इकलौता मोबाइल गेम नही है जो बच्चों को आत्महत्या के लिए उकसा रहा है ऐसे में और भी गेम हैं। ऐसे में जरूरत है बच्चों पर नजर रखने की उन्हें समझने की।
भारत ही नही बल्कि पूरी दुनिया मे ऐसे न जाने कितने मामले देखने और सुनने को मिले। सरकारों ने बैन भी लगाया लेकिन कहते हैं बच्चों को जिस बात से मना करो वह काम वह एक बार जरूर करना चाहते हैं। ऐसे में बच्चों के साथ उचित व्यवहार, देखरेख और उन्हें समझने की जरूरत है। ऐसा न हो मॉडर्न बनने की चाह में गिफ्ट किया गया मोबाइल आपके बच्चे के लिए जानलेवा साबित हो और आप जब तक जागें तब तक देर हो जाये।