कांग्रेस में मचे बवाल पर प्रमोद कृष्णम बोले- नेतृत्व की उम्मीद थी, रायता फैल गया

कांग्रेस में नेतृत्व के मुद्दे पर मचे बवाल पर कांग्रेस के टिकट पर लखनऊ से चुनाव लड़ चुके आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बड़ा बयान देते हुए एक ट्वीट में कहा है कि कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक से उम्मीद थी कि पार्टी को एक सशक्त नेतृत्व मिलेगा लेकिन उल्टा यहां तो और रायता फैल गया।वहीं, एक और ट्वीट में आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति महान है, जो भीतर बोला जा रहा है तुरंत जस का तस मीडिया में आ रहा है इसके साथ ही आचार्य प्रमोद ने पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के बयान का समर्थन किया, जो सिब्बल ने राहुल गांधी के आरोप के जवाब में दिया है।

गौरतलब है कि राहुल गांधी ने कांग्रेस की वर्किंग कमिटी की बैठक में चिट्ठी लिखने वाले नेताओं के बारे में कहा था कि इन नेताओं की बीजेपी से सांठगांठ है। हालांकि बाद में इस बयान पर सफाई देते हुए कांग्रेस की तरफ से स्पष्टीकरण दिया गया कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने ऐसा कोई बयान नही दिया वह बस चिट्ठी लिखने के समय को लेकर गुस्से में थे। उनका कहना था की जब सोनिया गांधी बीमार थीं तब इस चिट्ठी के लिखने का क्या मतलब बनता है?

हालांकि जब तक कांग्रेस राहुल के इस बयान पर स्पष्टीकरण देती तब तक कांग्रेस की आपसी कलह सतह पर आ चुकी थी और कपिल सिब्बल सहित गुलाम नबी आजाद जैसे नेता इस पर अपना रिएक्शन दे चुके थे। कपिल सिब्बल ने पार्टी में दिए योगदान की एक लिस्ट गिनाते हुए ट्वीट किया कि ‘राहुल गांधी कह रहे हैं हम भारतीय जनता पार्टी से मिले हुए हैं। मैंने राजस्थान हाईकोर्ट में कांग्रेस पार्टी का सही पक्ष रखा, मणिपुर में पार्टी को बचाया। पिछले 30 साल में ऐसा कोई बयान नहीं दिया जो किसी भी मसले पर भारतीय जनता पार्टी को फायदा पहुंचाए। फिर भी कहा जा रहा है कि हम भारतीय जनता पार्टी के साथ हैं। बाद में उन्होंने यह ट्वीट डिलीट कर दिया था।


वहीं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद ने राहुल के इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर वह किसी भी तरह से भाजपा से मिले हुए हैं, तो वह अपना इस्तीफा दे देंगे।आजाद ने कहा कि चिट्ठी लिखने की वजह कांग्रेस की कार्यसमिति थी। अब देखना है कांग्रेस इस वैवद से कैसे निपटती है और आगे क्या कदम उठाए जाते हैं। सोनिया गांधी ने इस पूरे विवाद पर अब तक दो बयान दिए हैं पहला अहम बयान है कि सभी मिलकर अध्यक्ष चुनेंगे। दूसरा बयान है कि नेता अपनी बात पार्टी फोरम में उठाये सार्वजनिक रूप से ऐसे विवादों से बचें। उन्होंने कांग्रेस को एक बड़ा परिवार भी बताया था।amNabi

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *