तय मानिए संसद सत्र खत्म होते ही कश्मीर में यह होना है!

कश्मीर इन दिनों सुर्खियों में है। सेना की बढ़ती आवाजाही ने राज्य के माहौल को गर्म कर दिया है। विपक्ष,कश्मीरी नेताओं,मीडिया सहित पूरे देश के मन मे एक ही सवाल है कि कश्मीर में इतनी बड़ी संख्या में सेना की तैनाती क्यों? क्या 35A और 370 को लेकर केंद्र सरकार कोई बड़ा फैसला लेने जा रही है? हालांकि इस खबर को पुख्ता करने के पीछे कल एक और वजह सामने आई। यह उस खबर के बाद और ज्यादा चर्चाओं में शामिल हो गई जिसमें सरकार की तरफ से एक अडवाइजरी जारी करते हुए कहा गया था कि पर्यटक कश्मीर से जल्द से जल्द निकल जाएं। इसके अलावा अमरनाथ यात्रा पर भी रोक लगा दी गई है। अब इस मामले एक बड़ी और एक्सक्लूसिव जानकारी सामने आई है।

सरकार और बीजेपी के उच्च पदस्थ सूत्र भी कश्मीर मामले में अंधेरे में हैं। कुछ सूत्रों की मानें जो कश्मीर पर नजर रखते हैं और पार्टी में अहम ओहदे पर हैं तो उनका कहना है कि पीएम मोदी और शाह के अलावा शायद ही कुछ गिने चुने मंत्रियों को इस बात की भनक है कि क्या होने वाला है। इनमे राजनाथ सिंह का नाम केवल लिया जा सकता है जो शायद इस फैसले से अवगत होंगे। अब बात करें कि क्या होने जा रहा है? इस बात को बताने से पहले यह बता दें कि फैसला कब लिया जाएगा और उसका प्रभाव क्या हो सकता है?

सरकार संसद सत्र के खत्म होने के इंतजार में है। इसके अलावा सैन्य बलों को भी किसी भी हालात से निपटने के इंतजाम करने के लिए पर्याप्त समय देना चाहती है। अब बताते हैं कि होना क्या है? कश्मीर के बड़े आरएसएस नेता और बीजेपी पर नजर रखने वाले कुछ जानकर सूत्रों की मानें तो बीजेपी का प्लान कश्मीर को लेकर बेहद सख्त और स्पष्ट है। दरअसल बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार इस बार कश्मीर मसले के स्थायी समाधान के दिशा में आगे बढ़ रही है। जिसके तहत जम्मू और कश्मीर को दो या तीन हिस्सों में विभाजित करने का अनुमान है। इन हिस्सों में पहला हिस्सा जम्मू का होगा जो एक पूर्ण राज्य होगा। इसके अलावा लद्दाख और कश्मीर घाटी को सरकार केंद्रशासित प्रदेश घोषित करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।

इस फैसले के लागू होने के बाद जैसे ही कश्मीर और लद्दाख केंद्र सरकार के अंदर आएंगे उनका विशेषाधिकार यानि कि 35 A और धारा 370 खुद ही खत्म हो जाएंगी। इसके अलावा यह जैसा कि पहले से ज्ञात है कि जम्मू के लोग बीजेपी के समर्थन में रहे हैं। वहीं कानूनी या विधानसभा गठन के बाद बीजेपी के लिए जम्मू से भी 35A और 370 हटाना या इससे संबंधित प्रावधान लाना मुश्किल नही होगा। अगर यह खबर जैसा कि सूत्र बता रहे हैं सच है,अगर ऐसी ही निकली तो शायद हम कश्मीर समस्या के स्थाई समाधान के काफी नजदीक हैं। बाकी सरकारी घोषणा संसद सत्र समाप्त होने के बाद या 15 अगस्त को हो सकती है।

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