देश भर में आज गांधी जी की जयंती को अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। अलग-अलग राज्यों में कई कार्यक्रम भी आयोजित किये गए हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी,पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राजघाट पहुंच उन्हें श्रद्धांजलि दी।
गांधी जयंती पर आज के दिन शुरू हुए स्वच्छ भारत अभियान को भी आज तीन साल पूरे हो रहे हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री के आवाह्न पर शुरू हुआ स्वच्छ्ता पखवाड़ा भी आज समाप्त हो रहा है।इस मौके पर दिल्ली के विज्ञान भवन में एक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया है जिसमे स्वच्छ्ता के लिए अच्छा काम करने वाले लोगों और एजेंसियों को सम्मानित किया जाएगा। यह तो बात हुई आज गांधी जयंती पर होने वाले कार्यक्रमों की,अब बात करेंगे स्वच्छ भारत अभियान की सफलता और गांधी जी के बारे में।
जिनका पूरा नाम था मोहन दास करमचंद गांधी लेकिन दुनिया उन्हें महात्मा के रूप में जानती है,पहचानती है और मानती है। जिसके लिए अहिंसा ही सबसे बड़ा अस्त्र था, सत्य ही जीवन का सार था और सबको साथ लेकर बिना किसी मनभेद और मतभेद के आगे बढ़ने की कला थी वही गाँधी कहलाए। गुजरात मे जन्म लेने वाले गांधी अफ्रीका में बैरिस्टर बनें और फिर भारत आकर महात्मा।
गांधी को जानने वाले और मानने वाले बहुत हैं, हर सरकार ने उन्हें सम्मान देने में पूरी रुचि भी दिखाई है और वक्त बेवक्त उन्हें याद करते हुए प्रासंगिक भी रखा है लेकिन सवाल यह है कि क्या कहने मात्र के लिए? हमारे ऐसा कहने के पीछे पर्याप्त कारण हैं।
आपको याद होगा,आपने कहीं न कहीं पढ़ा या सुना होगा कि जब देश आज़ादी के जश्न में डूब था तब गांधी को विभाजन की चिंता साल रही थी और वहः बंगाल में दंगा पीड़ितों की सेवा में व्यस्त थे।उन्होंने कभी किसी पद के लिए अपनी दावेदारी नही दिखाई।राजनीति उनके लिए सेवा का माध्यम मात्र था।लेकिन यही आज की परिस्थिति में जब लोग गांधी का उदाहरण देते हैं और दूसरी तरफ राजनीतिक रोटियाँ सेंकने के लिए उन्मादी बयान देते हैं तो गांधी को पूजने का स्वांग रचने वाले यही लोग खुद बेनकाब होते नजर आते हैं।
गांधी के नाम पर स्वच्छ्ता अभियान चलाने वाले लोग ही जब भ्रस्टाचार रूपी गंदगी और जाति धर्म की राजनीति कर अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने लगते हैं तो यही लगता है सत्य और ईमानदारी की प्रतिमूर्ति गांधी का सम्मान से ज्यादा यह अपमान है।
गांधी के बारे में कई कहानियां और अनगिनत उपलब्धियां हैं, उनका जीवन हर किसी के लिए प्रेरणा है।गांधी की हर बात लिखना तो संभव नही लेकिन अगर इनमे से कुछ थोड़ा बहुत भी हम अपना सकें तो यह बहुत कुछ बदल सकता है।
गांधी के परिपेक्ष्य में आज की बात करें तो जिस तरह पूरी दुनिया हिंसा में जल रही है उसमें गांधी का अहिंसा रूपी हथियार हमें जीने की नई राह दिखा सकता है और सब को साथ लेकर चलने के गांधी जी के सपनों को पूरा कर सकता है।हम अगर खुद को बदल लें, समाज को बदल सकें और गांधी जी के आदर्शों पर चल सकें तो यही उनके लिए हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।महात्मा को उनके जन्मतिथि पर सादर नमन्।