बिहार में समय से विधानसभा चुनाव होंगे यह लगभग तय है। निर्वाचन आयोग भी कह चुका है कि चुनाव तय समय पर होंगे। इससे पहले कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए आयोग ने अलग-अलग दलों से सुझाव मांगा था।सीएम नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जहां जोरशोर से इस चुनाव की तैयारी में लगी है वहीं बीजेपी ने भी चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है और वह भी चाहती है कि नियत समय पर चुनाव हो जाएं।
अब सवाल यह है कि अगर सत्ताधारी दल चाहते हैं कि ससमय चुनाव हो तो कौन है वह जो नही चाहता कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच चुनाव कराएँ जाएं? आपको बता दें कि मुख्य विपक्षी दल आरजेडी के नेता तेजस्वी और एनडीए के सहयोगी दल लोजपा के नेता चिराग पासवान भी नही चाहते कि ऐसे वक्त में चुनाव कराए जाएं। हालांकि आयोग और सरकार के तेवर को देखते हुए सभी चुनावी तैयारियों और चुनावी मोड में नजर आने लगे हैं।
खैर यह तो हुई चुनाव समय पर हों या टाल दिए जाएं इसकी बात, अब बात करते हैं कि क्या सत्ताधारी एनडीए में सब ठीक है? जी नही कम से कम हालिया बयानों से ऐसा नही लगता। एक तरफ जहाँ चिराग पासवान आर-पार के मूड में हैं और नीतीश कुमार पर लगातार हमलावर हैं वहीं अकेले सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की बात भी कह चुके हैं। चिराग की बात का समर्थन उनके पिता और केंद्रीय मंत्री रामविलस पासवान ने भी किया है।
चिराग के बयान पर पूछे जाने के संबंध में रामविलास ने कहा कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए चुनाव टाल दिए जाने चाहिए। इससे आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि मैं खुद, सीएम नीतीश और लालू अब पास्ट मटेरियल हो चुके हैं और भविष्य युवाओं के हाथ है। चिराग में सीएम बनने की पूरी क्षमता है। ऐसे में माना जा रहा है कि पहले सीएम के चुनाव कराने के फैसले और अब खुद सीएम की खिलाफत कर रामविलास ने मोर्चा खोल यह स्पष्ट कर दिया है कि एनडीए में सब वेल एंड गुड नही है।