गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव में हार का सामना करने वाली बीजेपी को लेकर अलग-अलग लोगों की अलग-अलग राय देखने को मिल रही है। कहीं इसे बीजेपी की असफलता के बजाए सपा-बसपा गठबंधन की सफलता माना जा रहा है तो कहीं इसे केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ गुस्सा।
कहीं योगी के एक साल के कार्यकाल के विफल होने को इस हार की वजह बताई जा रही है तो कहीं कुछ लेकिन जिस तरह बहुत ही साफगोई से बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस हार को स्वीकार किया वह वाकई काबिले तारीफ है। इसके अलावा यहां यह भी गौर करने वाली बात है कि योगी और शाह दोनो ही नेताओं ने कहा की दो हारे हैं, सारी जीतेंगे।
योगी की आज अमित शाह से मुलाकात हुई। इस मुलाकात में क्या बात हुई यह तो पता नही लेकिन जिस तरह बेबाकी से दोनों नेताओं ने जिम्मेदारी ली और कहा कि कुछ गलतियां हुई यह हार उसी का नतीजा है वह अपने आप मे अलग है।
अमित शाह ने आज एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में एक सवाल के जवाब में कहा कि हम उपचुनाव में लोकसभा की 6 सीटें हार गए। हमारा संख्याबल 282 से घट कर 276 हो गया। बिना किसी का नाम लेते हुए उन्होंने कांग्रसे और राहुल को निशाने पर लेते हुए कहा कि इससे हमारी सरकार पर कोई खतरा नही लेकिन 44 सीट वाली कांग्रेस और उनके अध्यक्ष राहुल इससे क्यों इतरा रहे हैं? यह समझ से परे है।
शाह और योगी दोनो के बयान इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि इस हार से दोनों ने काफी सिख ली है और आने वाले समय मे बीजेपी 2019 को लेकर कोई भी गलती दोहराने से बचेगी। यही वजह भी है कि हार के एक दिन बाद ही न सिर्फ गोरखपुर मेडिकल कॉलेज को बड़े पैमाने पर फंड अलॉट किया गया बल्कि अधिकारियों को भी कई निर्देश जारी किए गए हैं। यह सख्ती 2019 की तैयारी का ही एक हिस्सा है। ऐसे में न सिर्फ सपा और बसपा बल्कि कांग्रेस को भी तैयारी के लिए जी जान से जुटना होगा।