वर्ष 2019 के केंद्रीय बजट ने निम्न और माध्यम आय वर्ग की व्यय क्षमता को बढ़ाया है | 5 लाख तक की आय (कर बचत के साथ 6.5 लाख) पर आयकर को शून्य कर दिया गया है | इससे इस श्रेणी में आने वाले लोगों की व्यय क्षमता बढ़ेगी और बाज़ार में पैसे का बहाव बढेगा | किसानों को 3 किस्तों में दी जाने वाली 6000 रु की वार्षिक आय सहायता से किसानों को घरेलु खर्च में कुछ मदद ज़रूर मिलेगी पर इससे उनके पुराने कर्ज की परेशानी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा |

असंगठित वर्ग को सरकार ने जो 3000 रु मासिक पेंशन और 21000 तक की मासिक आय पर बोनस देने की घोषणा की है, उससे उनकी वास्तविक आय में बढ़ोतरी होगी | सरकार ने इस बजट में अपना राजकोषीय घाटा सकल घरेलु उत्पाद का 3.4% तय किया है और आने वाले वर्षों में इसे घाटाने का संकल्प जताया है, पर व्यय होने वाली राशि के आय के स्त्रोत क्या क्या हैं यह बजट में साफ़ साफ़ नहीं बताया गया है |

आयकर में छूट के प्रावधान को अगर करीब से समझें तो इसका लाभ केवल उनलोगों को मिलने वाला है जिनकी आय 5 लाख या उससे कम है । 5 लाख से ऊपर की आय वालों को पहले की तरह ही 2.5 लाख के स्लैब के अनुसार अपना टैक्स भरना होगा ।

मयंक जैन
अर्थशास्त्री
(मयंक ने मद्रास स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, चेन्नई से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर किया है )