प्रकृति की गोद मे बसा उत्तराखंड इन दिनों आफत भरी बारिश से परेशान है। भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से कई इलाकों में जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। खास कर दूर दराज के गांव जहां मेडिकल या आपात सेवाएं नही हैं वहां इन दिनों में जीवन बचाना और भी दूभर हो जाता है। हालांकि भारतीय सेना के जवान जहां हों वहां कुछ भी मुमकिन नही और कोई जान आसानी से तो नही जाएगी। यह फिर से साबित किया है इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस के जवानों ने। इन जवानों ने एक महिला की जान बचाने के लिए लगातार 15 घंटों तक 40 किमी का सफर ऐसे रास्तों पर तय किया जो भारी बारिश और भूस्खलन से खतरनाक हो चुके थे।
यह खबर आई है देवभूमि उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से। यहां एक महिला पहाड़ी पर हुए भूस्खलन के बाद नीचे गिर कर घायल हो गई थी। उसका पैर टूट गया था और जान बचाने के लिए उसे लप्सा गांव से मुनस्यारी तक ले जाने की जरूर थी। पहाड़ खिसकने की वजह से रास्ते खतरनाक हो चुके थे और नाले उफान पर थे। इन सब दुश्वारियों के बीच ITBP के 19वीं बटालियन के जवानों ने उस औरत को पहुंचाने का जिम्मा उठाया और उसकी जान बचा ली गई। महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए पहले हेलीकाप्टर की मदद लेनी तय हुई लेकिन भारी बारिश और खराब मौसम की वजह से यह संभव नही हुआ। इसके बाद आईटीबीपी के 25 जवानों ने पैदल ही 40 किमी दूर अस्पताल पहुंचाने का निर्णय लिया और एक जान बचा ली।
#WATCH: ITBP jawans travelled 40-km on foot for 15 hours carrying an injured woman on a stretcher from a remote village, Lapsa to Munsyari in Pithoragarh, Uttarakhand yesterday. During this journey, they crossed flooded nullahs & landslide-prone areas: ITBP pic.twitter.com/kTycp5IizR
— ANI (@ANI) August 23, 2020