अटल जी के स्वास्थ्य को लेकर पूरा देश व्याकुल, क्या और क्यों छुपाया जा रहा है?

भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की तबियत नाजुक बनी हुई है। देश भर में उनके लिए दुआ और प्रार्थना का दौर जारी है। हर तरफ अफरातफरी नजर आ रही है। हो भी क्यों न वह जन-जन के प्रिय थे। वह अटल थे और आज रोग से लड़ते हुए भी अटल सहनशक्ति, साहस और दृढ़ता का परिचय दे रहे हैं। 2009 से ही रोगों से जूझना किसी आम इंसान के बस की बात नही है। वह अटल थे, हैं और रहेंगे। उनकी छवि अमिट रही है।

देश के वह पहले ऐसे गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री रहे जिन्होंने अपना पूरा पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। जो कितने अलग अलग दलों, राज्यों और नेताओं के जननेता रहे। कहीं से भी लड़े जीते सिवाय ग्वालियर के। जिन्होंने देश को परमाणु परीक्षण कर परमाणु सम्पन्न बनाया। पाक को प्यार से समझाया और न माना तो हथियारों की भाषा सिखलाई। आज वह अटल जी जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। खबरों और अफवाहों का बाजार गर्म है। देश की राजनीति का हर बड़ा और छोटा नेता अटल जी को देखने और उनका कुशल क्षेम जानने पहुंच रहा है।

अटल जी की सेहत को लेकर कल शाम अचानक एक खबर आई कि उनका स्वास्थ्य तेजी से गिर रहा है। हालात नाजुक हैं। पीएम मोदी तुरंत दौड़े दौड़े एम्स पहुंचे। उसके बाद तो तांता लग गया। सुरक्षा बढ़ा दी गई। ट्रैफिक पुलिस के लिए दिल्ली के सबसे व्यस्ततम इलाके में यातायात संचालन के लिए एडवाइजरी जारी करनी पड़ी। डॉक्टर लगातार उनपर नजर रखे हुए हैं। हालांकि अब तक कोई भी ऐसी सूचना नही मिली है जिससे कुछ सकारात्मक नतीजे का संकेत मिले।

एम्स के कुछ खास सूत्रों की मानें तो अटल जी को लेकर बुरी खबर कभी भी आ सकती है। इसका अंदेशा इसलिए भी गहरा होता दिख रहा है क्योंकि पीएम, उप राष्ट्रपति, बीजेपी अध्यक्ष सहित बीजेपी के कई बड़े नेता अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिल्ली और एम्स में जुटे हैं। बीजेपी आफिस की सजावट उतार दी गई है और राष्ट्रीय कार्यकारिणी  की बैठक रद्द करने संबंधी सूचना भी जारी की जा सकती है।

अटल जी न सिर्फ बीजेपी या किसी खास विचारधारा बल्कि हर दल, हर राज्य, हर जाति और हर धर्म के प्रिय रहे। उन्होंने सबको संम्मान दिया और पाया। सोशल मीडिया पर भी ऐसी खबरें हैं कि उनके स्वास्थ्य को लेकर कुछ छुपाया जा रहा है। अफरातफरी और माहौल को भांपते हुए जानकारी सार्वजनिक करने में देर की जा रही है।

खैर जो भी सच हो अटल जी के स्वास्थ्य को लेकर रात में ही दुखद खबरों का आना शुरू हुआ। पहले 12 बजे के बाद कुछ दुखद सूचना आने की उम्मीद थी। वह अब तक टाली जा रही है। कुछ तो छुपाया जा रहा है। लेकिन क्यों? देश अपने अटल नेता के लिए दुआ और प्रार्थना में व्यस्त है। ऐसे में अगर ऐसा कुछ भी किया जा रहा है तो ठीक नही। अटल जी दीर्घायु हों ऐसी हमारी भी प्रार्थना है लेकिन सब स्पष्ट किया जाए। देश व्याकुल है।

अटल जी से पहले देश और सोशल मीडिया में यह भावुकता सिर्फ अब्दुल कलाम के निधन के दौरान देखने को मिली। दोनो ही हमारे प्रेरणा जो थे। एक जन-जन के पीएम तो दूसरे जनता के राष्ट्रपति रहे वह भी साथ-साथ। परमाणु परीक्षण में दोनो साथ रहे। ऐसी महान शख्सियतों को हमारा प्रणाम। अटल जी जल्द ठीक हों ऐसी दुआ कीजिये। शायद दवा से ज्यादा आज दुआ काम आए।

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