ऐसा लगता है कि कांग्रेस और विवादों का पीछा छूटना आसान नही है। इस बार अब निर्वाचन आयोग कांग्रेस पर भड़क उठा है। आयोग ने कांग्रेस के रवैये से तंग आकर आखिरकार कह दिया कि कांग्रेस हमें चुनाव कराना न सिखाये। कांग्रेस हमें एक खास तरीके से या अपने हिसाब से चुनाव कराने के लिए दिशा-निर्देश जारी कराना बंद करें। निर्वाचन आयोग का यह बयान सुप्रीम कोर्ट में दायर कांग्रेस की उस याचिका के जवाब में आया है जिसमे कांग्रेस ने राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में फर्जी वोटरों के होने की बात कही थी। साथ ही वह इन्हें हटाने के लिए अप्रत्यक्ष तौर पर दबाव बनाना चाहती थी।
आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कांग्रेस को यह चेतावनी दी है। आयोग ने स्पष्ट तौर पर इसे गलत और भ्रामक बताया है। आयोग की तरफ से यह कहा गया है कि बार-बार एक ही मुद्दे को अलग-अलग तरीके से पेश कर सुप्रीम कोर्ट और आयोग का समय खराब किया जा रहा है। ऐसा करना किसी भी दल के क्षेत्राधिकार के बाहर है। साथ ही चुनाव आयोग जैसी संस्था पर सवाल उठाना और हस्तक्षेप करना भी उनके दायरे से बाहर है। सभी को यह पता होना चाहिए कि आयोग एक संवैधानिक संस्था है और यह किसी व्यक्ति या दल के मुताबिक काम नही करता है। इज़के लिए संवैधानिक दायरे बनें हैं। आयोग ने यह भी साफ शब्दों में कहा कि कमलनाथ और उनका दल आयोग को किसी खास तरीके से चुनाव कराने को निर्देशित नही कर सकते। बहरहाल, आयोग के इस बयान के बाद शायद कांग्रेस अब बार-बार उसपर उंगली उठाने की गलती से बाज़ आये।