देश में कोरोना संक्रमण के चलते पिछले कुछ महीनों से त्योहारों और दूसरे सांस्कृतिक कार्यों पर असर पड़ा है. इस बार स्वतंत्रता दिवस भी इससे अछूता नहीं रह पाया है. लाल किले पर इस बार का नज़ारा बिलकुल अलग होगा. इस बार का कार्यक्रम कोरोना के साये में होगा और सोशल डिस्टेंसिंग का ख़ास ख़याल रखा जाएगा. इसके लिए ग़ृह मंत्रालय ने गाइडलाइन्स भी जारी की है.
प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी अपने तय कार्यक्रम के अनुसार ही ध्वजारोहण करेंगे और देश को सम्भोधित करेंगे. समारोह में इस बार मेहमानों की संख्या भी बहुत काम होगी. हर साल करीब 1000 मेहमाह शामिल होते थे मगर इस बार कार्यक्रम के लिए सिर्फ 140 लोगों को ही निमंत्रण भेजा गया है जिसमें सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, वरिष्ठ नौकरशाह, केंद्रीय मंत्री सहित कुछ ख़ास मेहमान शामिल होंगे. यही नहीं, इस बार मेहमानों की पत्नियां भी इस समारोह में शामिल नहीं हो पाएंगी. कार्यक्रम के बाद हर बार की तरह इस बार प्रधानमन्त्री मोदी बच्चों से मुलाक़ात नहीं करेंगे. माहमारी के चलते इस बार बच्चे कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगे.
समारोह की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी भी पीपीई किट में नज़र आएँगे। यही नहीं, प्रधानमंत्री को गार्ड ऑफ़ ऑनर देने वाली टुकड़ी को सुरक्षा के मद्देनज़र 1 अगस्त से ही क्वारेंटीन में रखा गया है. कार्यक्रम को कवर कर रहे पत्रकारों के भी कोरोना टेस्ट किये गए है. टेस्ट में नेगेटिव पाए जाने क बाद ही उन्हें कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति दी गई है.