पाकिस्तान में इमरान युग की शुरुआत हो चुकी है। आम चुनावों के नतीजों के बाद यह साफ हो चुका है कि पाकिस्तान के अगले प्रधानमंत्री इमरान खान ही बनेंगे। 20 साल की राजनीति, विवादों और न जाने कितने आरोपों-प्रत्यारोपों और संघर्षों के बीच यहां पहुंचे इमरान को लेकर अब भारत मे आकलन और अनुमान लगाए जाने शुरू हो गए हैं। भारत-पाक रिश्तों पर इसका क्या प्रभाव होगा यह भी एक बड़ा सवाल इमरान के जितने के बाद कूटनीति और राजनीति के गलियारों में उठने लगा है। इस सवाल का कोई भी जवाब लिखना,सोचना या बताना अभी के लिए थोड़ी जल्दबाज़ी या मुश्किल हो सकती है। हालांकि इमरान के अब तक के रुख के अनुसार कई बातें बहुत स्पष्ट है।
इमरान खान की छवि भारत विरोधी रही है। वह कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ काफी आक्रामक रहे हैं। इसकी बदौलत उन्होंने ने राजनीति की सीढ़ियां भी चढ़ी हैं। उन्हें मोदी का धुर विरोधी माना जाता है। चुनावों से पहले और चुनावों के दौरान वह लगातार मोदी विरोधी बयानबाज़ी करते रहे थे। इज़के अलावा उन्हें भारत के सबसे बड़े दुश्मन आईएसआई और पाकिस्तान सेना का चहेता माना जाता है। इन सब बातों पर गौर करने के बाद यह समझना आसान हो जाता है कि इमरान के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत और पाक के रिश्ते और तल्ख ही होंगे।
हालांकि राजनीति और चुनाव में कई बार ऐसे मुद्दों को लाभ लेने के लिए उठाया जाता है और बाद में हालात सामान्य करने की दिशा में काफी प्रयास किये जाते रहे हैं। ऐसे में उम्मीद भले ही विपरीत इशारे कर रही हो लेकिन आशा होनी चाहिए कि भारत-पाक रिश्तों में सुधार देखने को मिलेगा।