बिहार चुनाव- सीट बंटवारे की उहापोह से परेशान दल, संभावित उम्मीदवारों में भी संशय की स्थिति

कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच यह स्पष्ट हो गया है कि बिहार विधानसभा चुनाव अपने तय समय पर होंगे। इन चुनावों को लेकर दल और उनके नेता अपनी कमर कसने में कोई कोर कसर नबी छोड़ना चाहते हैं। बागियों को सहारा देने से न तो परहेज़ है न रूठे यारों को मनाने से लेकिन उस बीच एक संकट ऐसा है जो हर दल और गठबंधन के नेताओं में आम है।


यह संकट है सीट बंटवारे का और उम्मीदवारों के ऐलान का। ऐसा इसलिए है क्योंकि हर गठबंधन, हर दल और हर सीट से कम से कम एक दर्जन ऐसे नेता हैं जो चुनाव लड़ने की मंशा पाले हुए हैं। हालांकि दलों और गठबंधन धर्म निभाने की राजनीति में अस्पष्टता की वजह से जहां दलों में सीट बंटवारे के अटके पेंच ने संशय पैदा किया है वहीं उम्मीदवार भी पुष्ट जानकारी मिलने के बाद ही चुनावी समर में कूदना चाहते हैं।


कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन और लंबे वक्त से ठप पड़ीं जमीनी राजनीतिक गतिविधियों से माहौल को भांप पाना आसान नही है। न ही आसान है नेताओं की पकड़ और उम्मीदवारों के बारे में फीडबैक लेना। यही वजह है कि चुनाव के तारीखों के एलान में महज कुछ दिन बाकी रहने के बावजूद उम्मीदवार और सीट बंटवारे को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। एक एक सीट पर दर्जनों सक्रिय कार्यकर्ताओं की टिकट पाने की होड़ और इससे उत्पन्न होने वाली असंतुष्टि की निराशा और उससे उपजे बगावत के डर ने दलों की राह और मुश्किल कर दी है।


सभी दलों और गठबंधनों  में यही वजह है कि अभी भी प्रत्याशी को लेकर न सिर्फ संशय है बल्कि किस सीट पर कौन लड़ेगा और कौन सी किसके हिस्से आएगी यह भी अबूझ पहेली बनी हुई है। बाकी समय के गर्भ में है। आने वाले एक हफ्तों में बहुत हद तक स्थिति स्पष्ट होने की उम्मीद है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *