राम नाम की लूट है लूट सको तो लूट यह तो हम काफी समय पहले से सुनते चले आ रहे हैं लेकिन अगर इसका इस्तेमाल अगर कहीं सबसे ज्यादा हुआ है तो क्षेत्र है भारतीय राजनीति। बीजेपी की राजनीति शुरू से लेकर आज तक राम के इर्द गिर्द ही घूमती दिख रही है। साथ ही राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, रविशंकर की मध्यस्तता और योगी का अयोध्या बार बार जाना यह बताने को काफी है कि 2019 के चुनावों में एक बार फिर यह मुद्दा गरमाएगा और इसी भरोसे बेड़ा पार लगाने की तैयारी भी होगी।
इस बीच अगर राम मंदिर जो लेकर बड़ा फैसला आ भी जाये तो भी कोई आश्चर्य नही होना चाहिए। न ही उसके बाद इसका फायदा बीजेपी को जबरदस्त रूप से मिलेगा इस बात में कोई संशय होना चाहिए। हां इसके बावजूद इतना तय होगा कि इसके बावजूद बीजेपी कुछ मुद्दों पर बुरी तरह घिरेगी लेकिन इसके बाद भी कांग्रेस शायद ही इसका लाभ ले पाए। क्योंकि इससे पहले भी बीजेपी सिर्फ मुद्दा उठा कर ही लाभ ले जाती है और कांग्रेस लकीर की फ़क़ीर बनी देखती रह जाती है। खैर कुल का निष्कर्ष यही है कि राम भरोसे 2019।