ईवीएम से बैलेट पेपर पर लौटने को बेताब विपक्ष

भारतीय चुनावों में प्रयोग होने वाला ईवीएम विपक्ष के लिए एक बड़ा सरदर्द बन गया है। विपक्ष के लिए यह एक ऐसा बहाना है जो आजकल वह अपनी हार के बाद अक्सर प्रयोग करता है। पिछले कुछ समय से ईवीएम को लेकर कई दल शंका जाहिर कर चुके हैं। एक समय तो हालात ऐसे बने की निर्वाचन आयोग ने ईवीएम को हैक कर दिखाने के लिए राजनीतिक दलों को आमंत्रित तक कर दिया। हालांकि अभी तक विपक्ष आरोप छोड़ कोई भी ऐसा ठोस प्रमाण न दे सका है जिससे कहा जा सके कि वाकई ईवीएम से छेड़छाड़ कर बीजेपी विजेता बनती है।


कांग्रेस के अध्य्क्ष राहुल गांधी, आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, बसपा सुप्रीमो मायावती सहित कई अन्य दल समय समय पर यह आरोप लगाते रहे हैं कि बीजेपी की जीत ईवीएम से छेड़छाड़ कर वोटों के हेरफेर पर आधारित है। साथ ही बैलेट पेपर से। चुनाव कराने की मांग भी रह रह कर जोर पकड़ती रही है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या बैलेट पेपर से एकदम निष्पक्ष चुनाव हो सकते हैं? इतिहास को देखते हुए कतई ऐसा नही है। बल्कि बैलेट पेपर में हेरफेर और आसान है। ऐसे में विपक्ष को ईवीएम के बहाने से आगे बढ़ते हुए अपने हार के सही कारणों का आकलन करने और उनसे निपटने के लिए मजबूत इच्छा शक्ति की जरूरत है। नही तो बीजेपी जीतती रहेगी और विपक्ष इस बहाने के सहारे खुद को तसल्ली देता रहेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *