2019 के आसार बीजेपी के लिए ठीक नजर नही आ रहे। 2019 तो फिर भी दूर है, अभी तो तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव भी सामने हैं। इन सब के बीच जहां बीजेपी में अंदरूनी कलह बढ़ती जा रही है वहीं कई मुद्दे ऐसे हैं जो बीजेपी को न सिर्फ बड़ा झटका दे सकते हैं बल्कि उसकी सत्ता में वापसी की राह में बड़ा रोड़ा साबित हो सकते हैं। जैसा कि सब जानते हैं कि 2019 से पहले छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्यप्रदेश में चुनाव होने हैं।
हालांकि अभी तिथि का ऐलान बाकी है लेकिन जोर अभी से लगाया जा रहा है। अब मुद्दों की बात करें तो पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतें बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। इसके अलावा एससी-एसटी एक्ट में स्वर्णो का आंदोलन धीरे धीरे रौद्र रूप लेता जा रहा है। इसी बीच राफेल विमान घोटाले के विपक्ष के आरोप भी सरकार के लिए बड़ी चुनौती हैं।
इन चुनौतियों के बीच सबसे बड़ी चुनौती अब अपने ही दल में मचे कलह को दूर करना है। यह कलह लगातार अब सतह पर आती नजर आ रही है। राजस्थान की बात करें तो आज जो हुआ उसकी उम्मीद शायद ही वसुंधरा राजे और अमित शाह कर रहे होंगे। दरअसल आज वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे जसवंत सिंह के बेटे और विधायक मानवेंद्र सिंह ने आज बगावत की बिगुल फूंक दी। आज बाड़मेर के पचपदरा में हुई स्वाभिमान रैली में उन्होंने अपने संबोधन में यह तक कह दिया कि कमल का फूल,उनकी सबसे बड़ी भूल है।
इससे साफ जाहिर है कि बाड़मेर में बीजेपी की राह कठिन होगी। साथ ही जिस तरह इस रैली में भीड़ जुटी उससे यह भी साफ है कि जनता भी बीजेपी से ज्यादा मानवेंद्र के पक्ष में जाती दिख रही है। ऐसे में इस बड़े राजनीतिक बदलाव से सत्ता के गलियारों में हड़कंप है। हालांकि बीजेपी उनके स्थान पर क्या विकल्प लाएगी यह तो देखना होगा लेकिन उम्मीद यह भी है कि मानवेंद्र कांग्रेस का हाथ थामेंगे।