योगी सरकार के आने के बाद से यूपी में कानून व्यवस्था को लेकर न जाने कितने दावे किए गए। एनकाउंटर से लेकर एन्टी रोमियो स्क्वाड जैसे और भी न जाने कितने कदम उठाए गए लेकिन इसके बावजूद न अपराधों में कोई कमी आई न ही आज भी ऐसा माहौल बना जिसमे पुलिस का व्यवहार जनता के अनुकूल नजर आता हो। यही वजह है कि आज भी आम जनता थानों के चक्कर लगा रही है और पुलिस प्रशासन न जाने कौन सी कुम्भकर्णी नींद सो रहा है। माहौल ऐसा है कि न सरकार के आदेशों का पालन हो रहा है न उचित कार्रवाई।
हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इन्ही लापरवाहियों के चलते अपराधी तत्वों के हौसले बुलंद होते हैं और वह बड़ी वारदात को अंजाम देते हैं। ऐसी ही एक घटना घटित हुई है बलिया जिले के नरही थाना क्षेत्र में। जहां दिन दहाड़े घर मे घुस कर न सिर्फ एक महिला से जबरदस्ती की गई बल्कि इसका विरोध करने पर घर के पुरुषों पर जान मारने की नीयत चाकू से हमला कर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया। इस बाबत नरही थाने में दो आवेदन दिन में दिए गए लेकिन इसके बावजूद कोई कार्रवाई नही हुई। इज़के नतीजा यह हुआ कि दोबारा अपराधियों ने न सिर्फ धमकी दी बल्कि अंजाम भुगतने की चेतावनी देते हुए दोबारा मारपीट भी की।
आपको बता दें कि यह घटना बेशक छोटी नजर आती हो लेकिन सुस्त पुलिस प्रणाली और सोते प्रशासन की वजह से अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और पीड़ित परिवार में भय व्याप्त है। यह मामला आज सुबह का है। इस मामले में अंशुमान राय पुत्र रामदेव राय के घर जाकर बृजेश राय (जयसूर्या) ने पुत्र स्व. रामचंद्र राय ने उनकी पत्नी को मारा और जोर जबरजस्ती किया जिसके उपरांत अंशुमान राय ने थाने में एप्लीकेशन दिया,जिसमे कोई कार्यवाही नही की गयी और फिर आज ही शाम उनके करीबी (अंशुमान राय उर्फ सत्यप्रकाश राय ने बृजेश राय से उनका हाल चाल पूछा वो अभी हाल चाल ही पूछ रहे थे , तबतक उसने उनके ऊपर धारदार चाकू से हमला कर दिया।
अब सवाल है कि क्या पुलिस किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रही है? क्या गांव के माहौल को बिगाड़ने वाले ऐसे तत्वों पर किसी दबाव में करवाई नही की जा रही है? इस घटना के बाद प्रशासन के खिलाफ जनता में आक्रोश व्याप्त है और आंदोलन की तैयारी सहित अन्य कदमों पर विचार किया जा रहा है।