आपको बता भारत के पूर्व महान कप्तान और इंडिया को टी20 और वनडे का वर्ल्ड कप जिताने वाले धोनी ने अपना आखरी यानि विदाई मैच खेले बिना ही घर से संन्यास ले लिया लिया. उनके संन्यास लेने के बाद ही दुनिया के कई क्रिकेटरों ने कहा कि धोनी जैसे बड़े खिलाड़ी को मैदान से विदाई मिलनी चाहिए थी. आज हम आपको ऐसी ही क्रिकेटरों के बारे में बताने जा रहे है. जिन्हें धोनी कि तरह अपना आखरी मैच खेलने का मौका नहीं मिला है.
युवराज सिंह – 2007 का टी20 और 2011 के वर्ल्ड कप के जीत का सबसे ज्यादा श्रेय युवराज सिंह को जाता है. उन्हें खून की उल्टियां होती रही .लेकिन वह 2011 के वर्ल्ड कप में मैदान में डेट रहे है. उन्हें विश्व कप 2011 का प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट भी चुना गया था. उनके नाम टी20 में सबसे तेज 12 गेंदों में 50 लगाने का रिकॉर्ड है. इसके आलावा एक ओवर में ६ छक्के लगाने का भी रिकॉर्ड उनके उनके नाम दर्ज है. ऐसे महान क्रिकेटर को भी विदाई मैच नहीं मिला.
सुरेश रैना – भारतीय बल्लेबाज रैना के नाम टी20, वनडे और टेस्ट मैच में शतक लगाने का रिकॉर्ड है. उन्हें भी विदाई मैच खेलने को निहि मिला.
इरफान पठान – इस बेहतरीन गेंदबाज को ही आखरी मैच खेलने को नहीं मिला. पठान ने भी घर से ही संन्यास लिया था.
गौतम गंभीर – 2011 के वर्ल्ड कप का फाइनल और यह 2007 के टी20 वर्ल्डकप का फ़ाइनल हो, दोनों ही बार उनका बल्ला जमकर गरजा. लेकिन दोनों ही बार उन्हें मैन ऑफ़ द मैच नहीं मिला और उन्होंने भी मैदान के बाहर से ही संन्यास लिया.
जहीर खान – भारतीय गेंदबाजों को 10 साल से ज्यादा समय तक लीड करने वाले जहीर ने ही घर से ही संन्यास का ऐलान किया था. उन्होंने 2003 में इंडिया टीम को फ़ाइनल में और 2011 का वर्ल्ड कप फ़ाइनल मैच जीतने में अहम भूमिका निभाई थी.
वीवीएस लक्ष्मण – इंडिया के लिए 281 रनों की ऐतिहासिक पारी खेलने वाली इस बेहतरीन बल्लेबाज को भी मैदान के बाहर से संन्यास लेना पड़ा.
राहुल द्रविड़ – इंडिया के पूर्व कप्तान और हज़ारों रन बनाने वाले द्रविड़ भी अपने अंतिम मैच के लिए तरसते रहे और उन्हें भी ग्राउंड के बाहर से ही संन्यास लेना पड़ा.
मोहम्मद अजहरुद्दीन – इंडिया के एक और पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन भी इस लिस्ट में शामिल है. वह कलाइयों का बेहतरीन उपयोग करने वाले एक बेहतरीन खिलाड़ी थे. लेकिन मैच फिक्सिंग के आरोप के बीच उनका करियर ही खत्म हो गया.
सुनील गावस्कर – भारत के महानतम बल्लेबाजों में सुमार गावस्कर को भी अपना विदाई मैच खेलने को नहीं नहीं मिला.
वीरेंद्र सहवाग – किसी भी भारतीय क्रिकेटर द्वारा टेस्ट में तिहरा शतक जड़ने वाले सहवाग को भी अपना आखरी मैच खेलने को नहीं मिला.