जगदानंद ने युवा राजद प्रदेश अध्यक्ष बदला, भड़के तेजप्रताप

राजद पार्टी में एक बार फिर से पारिवारिक कलह का माहौल देखने को मिल रहा है। बुधवार को बिहार प्रदेश के राजद अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने तेजप्रताप यादव के करीबी आकाश यादव को छात्र राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष पद से हटाकर गगन कुमार को इसका नया अध्यक्ष नियुक्त किया है।

तेजस्वी ने नीतीश को तंज कस दी शुभकामनाएं, पढ़ें क्या कहा

तेजस्वी ने सीएम नीतीश को बधाई देते हुए एक फेसबुक पोस्ट के माध्यम से लिखा,’आदरणीय श्री नीतीश कुमार जी को मुख्यमंत्री ‘मनोनीत’ होने पर शुभकामनाएँ। आशा करता हूँ कि कुर्सी की महत्वाकांक्षा की बजाय वो बिहार की जनाकांक्षा एवं NDA के 19 लाख नौकरी-रोजगार और पढ़ाई, दवाई, कमाई, सिंचाई, सुनवाई जैसे सकारात्मक मुद्दों को सरकार की प्राथमिकता बनायेंगे।’

बिहार चुनावों से पहले जानें किन दलों को मिला नया चुनाव चिन्ह, पप्पू को कैंची तो मांझी को पैन, जानें पूरा ब्यौरा

बिहार विधानसभा चुनावों की तैयारियां जारी है। कहीं एक दूसरे पर जम कर आरोपो के तीर चलाये जा रहे तो कहीं चुनावी बिसात पर ऐसी गोटियां बिछाई जा रही है जिससे जीत में कोई कोर कसर बाकी न रहे। गठबंधन में सीटों के बंटवारे अपर तो नेताओं में टिकट को लेकर उलझन की स्थिति है। इसी बीच चुनाव आयोग ने कुछ दलों को नया चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिया है।

ससुर के बाद रघुवंश प्रसाद सिंह की ‘हैसियत’ बताते नजर आए तेज प्रताप, पढ़ें

लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव अपने बयानों की वजह से अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। अभी कुछ दिनों पहले जब उनसे उनके ससुर चंद्रिका राय के जदयू में शामिल होने को लेकर मीडिया ने सवाल किया तो इन्होंने इसके जवाब में बेबाक बोलते हुए कहा कि उनकी कोई हैसियत नही है। जदयू को इसका कोई फायदा नही होगा।

कोरोना के चलते फीका रहेगा बिहार का ‘चुनावी दंगल’, चुनाव आयोग ने जारी की गाइडलाइन्स

गाइडलाइन्स के मुताबिक उमीदवार को सिक्योरिटी मनी और नामांकन पत्र ऑनलाइन ही भरना होगा. मतलब की इस बार नामांकन भरने के लिए उम्मीदवार रथ यात्राएं नहीं कर सकेंगे.

बिहार में कोरोना के बाद बाढ़ से हाहाकार, लाखों प्रभावित, सीएम ने लिया जायज़ा

बाढ़ से बिहार के 38 में से 16 जिले बुरी तरह प्रभावित हैं। लाखों की आबादी अपना सब कुछ गंवा कर जान बचाने की जद्दोजहद कर रही है।

इस नेता की छवि ही बनी ऐसी, बदनाम हुए तो क्या हुआ नाम तो हुआ

आज उम्र के इस पड़ाव में जेल में जीवन बिताने को बाध्य कर दिया। इसके बावजूद न लालू झुके, न बदला उनका तेवर और अंदाज़। इसलिए तो कहते हैं कि लालू बदनाम तो हुए लेकिन नाम भी खूब हुआ।

शराबबंदी के दो साल लेकिन इन दो सवालों का नही है कोई जवाब

यह फैसला उचित और समाज हित मे है लेकिन इस फैसले के बाद जो शराबी जेल में बंद है( संख्या एक लाख से ज्यादा है) उनके परिवार की खुशी का क्या?