जन अधिकार पार्टी सुप्रीमों पप्पू यादव बिहार चुनावों के मद्देनजर एक्टिव नजर आने लगे हैं। पिछपे साल जब पटना डूबा तब से लेकर इस साल उत्तर बिहार में आई बाढ़ तक राजनीति में अगर कोई नाम सबसे आसानी से और ज्यादा लोगों की जुबान पर चढ़ा तो वह नाम पप्पू यादव का ही था। वह निर्भीक रूप से सत्ता और मुख्य विपक्षी दल के खिलाफ अब ताल ठोकते नजर आ रहे हैं।
पप्पू यादव न एनडीए में जाने को लेकर कोई दिलचस्पी जाहिर कर रहे हैं न महागठबंधन के हिस्सा बनने में उनकी कोई रुचि है। हां उन्होंने आत्मसम्मान का हवाला देते हुए इन दलों के कुछ नेताओं को अपने साथ करने के लिए आमंत्रण जरूर दिया है। राजद और एनडीए में जारी दल और पाला बदलने के दलों और नेताओं के खेल के बीच पप्पू यादव का यह बयान राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी अहम है।
पप्पू यादव ने राजद से नाराज चल रहे रघुवंश प्रसाद सिंह और बीजेपी से निष्काषित बाँका की पूर्व सांसद पुतुल सिंह को अपने साथ आने के लिए आमंत्रित किया है। उन्होने उपेंद्र कुशवाहा और कांग्रेस पर डोरे डालते हुए कहा कि थर्ड फ्रंट की अगुवाई कांग्रेस करे और अपनी ताकत पहचाने। उन्होंने महागठबंधन में उपेंद्र कुशवाहा की उपेक्षा पर भी सवाल खड़े किए। इससे पहले पप्पू के साथ आम आदमी पार्टी सहित कई दलों के नेता जुड़े।