नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी के गठन के ऐलान के बाद मध्य्प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा एलान किया है। ट्वीट के माध्यम से इस बारे में जानकारी देते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि एनआरए द्वारा आयोजित परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के आधार पर ही नौकरी देने का अभूतपूर्व निर्णय लेने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य है। इससे युवाओं का जीवन सहज, सुगम बनेगा। देश के दूसरे राज्य भी मध्यप्रदेश की इस पहल को अपना कर अपने प्रदेश के बेटे-बेटियों को बड़ी राहत दे सकते हैं।”
एनआरए पर निर्णय लेने वाला देश का पहला राज्य बना मध्यप्रदेश
— CMO Madhya Pradesh (@CMMadhyaPradesh) August 21, 2020
मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरी के लिए अब अलग से परीक्षा नहीं देनी होगी।
नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (NRA) के अंकों के मेरिट क्रम के आधार पर ही प्रतिभागियों का चयन किया जाएगा। pic.twitter.com/ZJddg8jEFx
शिवराज सिंह चौहान ने यह भी जोड़ा कि मध्यप्रदेश की सरकारी नौकरियों में नौकरी का अधिकार केवल राज्य के युवाओं का होगा। यह हम पहले ही तय कर चुके हैं। अब आपको अलग-अलग परीक्षाएं देने से भी छूट मिलेगी और यात्रा पर होने वाले अनावश्यक खर्चों से भी छुटकारा मिलेगा। आपके जीवन को बेहतर और खुशहाल बनाना मेरी प्राथमिकता है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय कैबिनेट ने 19 अगस्त को नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (एनआरए) के गठन को मंजूरी दी थी। इस साल बजट में ही इस एजेंसी के गठन का ऐलान किया गया था। इसके तहत अब केंद्र सरकार की सरकारी नौकरियों के लिए एक ही परीक्षा होगी। एनआरए केंद्र सरकार की सरकारी नौकरियों के लिए एक कॉमन एलजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) कराएगी। इसकी शुरुआत रेलवे, बैंकिंग और एसएससी की आरंभिक परीक्षाओं को मर्ज करने से होगी। यह परीक्षा साल में दो बार आयोजित होगी और इसकी मेरिट तीन साल तक वैध होगी।