देश मे आज महिला सशक्तिकरण की बात की जाती है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा बुलंद किया जाता है। कहीं नौकरी में आरक्षण देकर महिला शक्ति को आगे बढ़ाने की कवायद जारी है तो कहीं महिलाओं की हर मांग जैसे शराबबन्दी को सत्ता का समर्थन देकर उनका समर्थन लेने की तैयारी दिखती है। इन सब के बीच एक कड़वा सच यह भी है कि आज भी सत्ता में महिलाओं की हिस्सेदारी नगण्य है। अब आइये इसी क्रम में आपको बताएं कि वह कौन सा राज्य और विधानसभा है जो राजनीतिक रूप से अपेक्षाकृत शांत रहा है और वहां दो दशकों से कोई महिला विधानसभा का चेहरा तक नही देख सकी है।
हम एक ऐसे राज्य की बात कर रहे हैं जो पूर्वोत्तर के राज्यों में काफी अहम। वहां राजनीतिक उफान इन दिनों अपने पूरे चरम पर है। यहां साल के अंत तक चुनाव होने हैं और पहली बार बीजेपी और कांग्रेस के बीच इस राज्य में सीधा संग्राम है। कांग्रेस जहां सत्ता में पिछले 10 सालों से है वहीं बीजेपी पहली बार मुख्य विरोधी के तौर पर चुनाव में दांव आज़माने की तैयारी में है। ऐसे में इस बार मुकाबला न सिर्फ दिलचस्प होगा बल्कि राजनीति के लिहाज से शांत इस राज्य में उथलपुथल भी काफी देखने को मिल रही है।
अब आइये आपको बता दें कौन सा है वह राज्य और विधानसभा? यह राज्य है मिजोरम और यहां पिछले दो दशकों से कोई भी महिला चुनाव नही जीत सकी है। पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो यहां कुल छह महिलाएं चुनाव में थीं। इन महिलाओं में बी सांगमुखी जैसा बड़ा नाम भी शामिल था लेकिन तब वह चुनाव हार गईं। आपको यह भी बता दें कि 2013 में हुए विधानसभा। चुनाव के दौरान कांग्रेस ने 33 सीटें जीती थी लेकिन इस बार लड़ाई बराबरी की है और सामने बीजेपी जैसी पार्टी और उसका गठबंधन है। उम्मीद है इस साल के चुनाव में महिलाओं के न पहुंचने का यह तिलिस्म टूटेगा और महिला शक्ति की जीत होगी।