मांझी के बाद एमपी के इस नेता को साथ करने में लगे हैं नीतीश, 2018 में तोड़ गए थे नाता

आगामी बिहार विधानसभा चुनावों के बीच कोई भी दल या नेता किसी भी तरह का कोई कोर कसर नही छोड़ना चाहता है। यही वजह है कि वोट बैंक और जातिगत समीकरण को ध्यान में रखते हुए चुनावी समीकरण के हिसाब से लाभ-हानि का गणित लगाया जा रहा है। इसी क्रम में जीतन राम मांझी जहां अब नीतीश कुमार के साथ हैं वहीं अब एक और बड़े नेता को लेकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ चली है।


यह नेता हैं 2018 में नीतीश का साथ छोड़ पहले अपना दल बनाने वाले और बाद में महागठबंधन के साथ देने वाले शरद यादव। जदयू के संस्थापक सदस्यों में से एक और पार्टी के अध्यक्ष रह चुके शरद यादव की जदयू में वापसी को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। आपको बता दें कि शरद यादव मूलतः मध्यप्रदेश से आते हैं लेकिन अपने राजनीतिक करियर का एक लंबा वक्त उन्होंने बिहार में बिताया है।


इन खबरों को बल उस बात के बाद मिला जिसमे कहा गया कि नीतीश कुमार नें खुद शरद यादव को फोन कर उनका हाल चाल लिया जब वह अस्पताल में भर्ती थे। इसी के बाद चर्चा तेज है कि किसी भी वक़्त शरद यादव नीतीश के साथ आने का एलान कर सकते हैं। राजद से गठबंधन तोड़ने से नाराज यादव वर्ग को साथ लाने के लिए शरद यादव नीतीश की जरूरत हैं वहीं खुद जदयू का साथ छोड़ने के बाद से हाशिये पर रहे शरद के लिए यह मौका राजनीतिक संजीवनी देने वाला है। ऐसे में नफा ज्यादा है और मांझी के बाद वह पाला बदलने वाले दूसरे बड़े नेता बन सकते हैं।

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