भागलपुर के मोहल्लों और मुग़ल इतिहास।

​मुकुटधारी अग्रवाल अपने आप में अनुभव के पुरोधा हस्ताक्षर,चलती फिरती,जीती जागती लाइब्रेरी,सुना था,पढ़ा था की अनुभव बोलता है,इन्हें देख कर पढ़ कर लगता है,यह सही है।मैंने कुछ दिन पहले उनसे भागलपुर के मोहल्लों के नामकरण के पीछे के कारकों को जानने की इक्षा व्यक्त की थी,आज उन्होंने इस विषय की विस्तृत जानकरी प्रदान की,इस कार्य और ज्ञान हेतु मैं उनका तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूँ तथा उनकी आज्ञा के बिना अभी इसे संजोने सहेजने हेतु ब्लॉग के रूप में संकलन कर रहा हूँ।पुनः धन्यवाद् और आभार सर,हम जैसे नवयुवकों और इस नई पीढ़ी के लिए आप ज्ञान के अगाध सागर हैं,आपसे बहुत कुछ सिखने,सुनने,समझने,जानने को मिलेगा ऐसी आशा और उम्मीद है।आगे यह जानकारी हूबहू उन्ही के शब्दों में,आप भी पढ़ें और अपनी जानकारी प्रगाढ़ करें।सर को धन्यवाद् और प्रणाम।

फ़ेस बूक के कई मित्रो ने यह जानना चाहा है कि भागलपुर शहर के विभिन्न मोहल्लो के नाम के पीछे  क्या हकीकत  है ।भागलपुर शहर के अधिकांश  मुहल्लों  के नाम  मुगलकालीन हैं । 

1 मोजाहिदपुर का नाम 1576 ई मे अकबर बादशाह  के एक मुलाज़िम मुजाहिद के नाम से नामित हुआ था । 

2 सिकंदरपुर बंगाल के सुल्तान सिकंदर ने नाम पर पड़ा  । 

3 तातारपुर अकबर काल के एक कर्मचारी  तातार खान के नाम पर रखा गया था । 

4 सराय मे मुगलकालीन कर्मचारी  ठहरा  करते  थे , ,इस लिए उसका नाम सराय पड़ा ।

5 काजवली चक  शाहजहाँ काल के मशहूर काज़ी काजवली के नाम पर रखा गया ।

6 कबीरपुर  अकबर काल के शाह कबीर के नाम सेरखा गया जहां उनकी कब्र भी है 

7 नरगा का पुराना नाम ‘नोगजा ‘ यानी एक ऐसी बड़ी कब्र जिसमे खिलजी काल मे हुई लड़ाई मे शहीद हुये सैनिको को एक साथ दफनाया गया  । कालांतर   नोगजा ‘ नरगा हो गया । 

8 मंदरोजा मे शाह मदार का रोज़ा (मज़ार ) था जो बाद के वर्षो मे मंदरोजा कहलाने लगा । 

9 अकबर के जमाने  मे शाह मंसूर  की कति उंगलिया  जहाँ  दफनाई गयी  उसे बाद मे मनसूरगंज  कहलाने लगा । 

10 अकबर के समय के  दो भाई  आदम बेग  और खंजर बेग के नाम पर आदमपुर  और खंजरपुर पड़ा था ।

11 हुसेनाबाद ,हुसैन गज  और मुगलपुरा  जहागीर के काल मे बंगाल गवर्नर  इब्रहीम हुसैन के परिवार की जागीर थी ।उनलोगों के नाम पर ये मुहल्ले बस गए ।

12 1576 ई मे अकबर की सेना  और दाऊद खान करानी और काला पहाड़ के बीच हुये युद्ध मे अकबर को मिली फतह के जश्न मे उस जगह कानम फ़तेहपुर रखा गया /

13 भागलपुर के मुख्य बाज़ार  सूजा गंज का नाम  शाह सूजा के नाम से आबाद हुआ । यहा  शाह सूजा की लड़की का  ी कब्र भी है 

14 । मौलाना चक मे मौलाना शहवाज़ मुहम्मद का कब्र है  इसलिए इसका नाम मौलाना चक  पड़ा । 

15 हुसैनपुर को दमडिया बाबा ने अपने स्वर्गीय पिता मखदूम सैयद के नाम से बसाया था । 

16  हबीबपुर दमडिया बाबा के पोते  सैयद हाबिबुल्लाह के  नाम पर पड़ा ।

17। भीखनपुर शाह भोकन के नाम से बसी बस्ती थी 

18। मसाकचक मे अकबर केजमाने के प्रसिद्ध महात्मा मशाक बेग के नाम पर है ,यहाँ उनकी कब्र भी है । 

19 । मुंदीचक का पुराना नाम अकबर के जमाने के ख्वाजा मोइनूद्दीन बलकी   के   नाम  से था जो बाद मे मुंदीचक  हो गया । 

20 बरहपुरा  मे अकबर के काल 1576 ई मे बारह परिवार सुल्तानपुर से आ कर  बसे थे ।उसी बारह परिवार के नाम से बरहपुरा  हुआ।

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