बीजेपी अध्यक्ष देश मे कई ज्वलंत मुद्दों और बढ़ते विरोध के बावजूद पूरे जोश और उत्साह के साथ निश्चिन्त स्थिति में नजर आ रहे हैं। कम से कम उनके हालिया बयानों को देखें और सुनें तो ऐसा ही लग रहा है। इसके अलावा यह भी समझ आता है कि कहीं न कहीं यह कार्यकर्ताओं और नेताओं में ऊर्जा और जोश के लिए दिए गए बयान से ज्यादा कुछ नही है। ऐसा इसलिए नही कहा जा रहा है कि उनके बयान में कुछ विवादित था बल्कि ऐसा इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि देश मे जहां एससी-एसटी एक्ट के प्रबल विरोध हो रहा है वहीं दूसरी तरफ पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों को लेकर विपक्ष भी सरकार पर हमलावर है।
अब बात करते हैं अमित शाह के बयानों की। पहले बयान में शाह ने बीजेपी की कार्यकारणी की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि हम 2019 जीतेंगे और उसके बाद 50 सालों तक हमें कोई हरा नही सकेगा। माफ कीजिये लेकिन जिस तरह मुद्दे दर मुद्दे बीजेपी और मोदी सरकार घिरती नजर आ रही है, वैसे माहौल में यह कतई संभव नही दिख रहा। खैर उनके अनुमान और आकलन का अपना कुछ वजूद है ऐसे में यह बात भविष्य के नतीजों पर आधारित है। अपने दूसरे बयान में शाह ने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों को चुन चुन कर देश से बाहर निकाला जाएगा। अब सवाल है कैसे ? वह भी टैब जब विपक्ष इस मुद्दे को लेकर मुखर है और एनआरसी सवालों के घेरे में है।
कुल मिलाकर फिलहाल यही कहा जा सकता है कि अमित शाह भले ही कार्यकर्ताओं के सामने जीत और आकलन अनुमान के अनुसार हुंकार भरें लेकिन एक कड़वा सच यह है कि ज्वलंत मुद्दे और भी हैं। इन मुद्दों पर बात आज नही तो कल निकलेगी और दूर तलक जाएगी। ऐसे में शाह या पीएम मोदी आरक्षण,एससी-एसटी एक्ट, और बढ़ते पेट्रोलियम उत्पादों पर कब बोलते हैं और क्या उपाय निकालते हैं यह देखने का विषय होगा।