फडणवीस-राउत के बाद अब सीएम उद्धव से पवार ने की मुलाक़ात, 24 घंटो के भीतर हुई 2 बैठकों से महाराष्ट्र की राजनीति गरमाई

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात आज एक मुलाकात की. यह मुलाकात लगभग 1 घंटे चली.

आरक्षण का अस्त्र चला मराठा राजनीति में बने रहना चाहते हैं उद्धव, संबोधन में बोले- चुप हूँ…

वह कोर्ट में मराठा आरक्षण की लड़ाई लड़ रहे हैं। देश के कई बड़े वकील इसमें लगाए गए हैं। बहस में कोई कमी नही छोड़ी जा रही है।

कंगना के ऑफिस पर चल गया BMC का बुल्डोजर, कंगना बोली- याद रख बाबर, मंदिर फिर बनेगा..

इतिहास फिर खुद को दोहराएगा राम मंदिर फिर टूटेगा मगर याद रख बाबर यह मंदिर फिर बनेगा यह मंदिर फिर बनेगा, जय श्री राम , जय श्री राम , जय श्री राम।

बिहार डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने शायरी ट्वीट कर दिया संजय राउत को जवाब, लिखा-सफ़र में मुश्किलें आएँ ,तो जुर्रत और बढ़ती है!

शिवसेना नेता संजय राउत की टिप्पणी पर बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने एक बार फिर से शायरी से जवाब दिया है। यह कोई पहला मौका नही जब बिहार डीजीपी ने शायरी से जवाब दिया है। इससे पहले भी वह एक शायरी ट्वीट कर संजय राउत को जवाब दे चुके हैं।

“बिहारी” शब्द को लेकर क्यों छिड़ा ट्विटर पर वार?

रही बात श्रवण कुमार बनने की तो बिहार यूपी में संयुक्त परिवार का इतिहास देखिये, संख्या देखिये जब पूरी दुनिया मे एकल परिवार की प्रविर्ती बढ़ी तब भी बिहार यूपी में सामाजिक और पारिवारिक ताना बाना बना रहा और यह एक उदाहरण है।

पटना सिटी एसपी को क्वारंटाइन करने पर बवाल,निरुपम बोले पगला गई है मुम्बई पुलिस

अफसर को क्वारंटाइन करने के बाद यह क्यों न माना जाए कि मुम्बई पुलिस की जांच न तो सही दिशा में है न ही वह बिहार पुलिस को जांच में सहयोग देने को तैयार है, वहीं जिस तरह से बिहार पुलिस की जांच में एक के बाद एक परतें खुलती जा रही वह मुम्बई पुलिस पर भी सवालिया निशान खड़े करती हैं।

बीजेपी को छोड़िए शिवसेना की सोचिए…

यह शिवसेना उन्ही बालासाहेब की हिंदूवादी आधारभूत संरचना पर खड़ी थी जहां कट्टर हिंदूवाद की छवि थी, राष्ट्रवाद की छाप थी, पाकिस्तान का मुद्दा था

बीजेपी पर बरसे उद्धव

यह कोई पहला मौका नही जब उद्धव इस तरह बीजेपी के खिलाफ बोलते नजर आए है। इससे पहले भी शिवसेना के मुखपत्र सामना में अपने संपादकीय के माध्यम से वहः कई बार सरकार के खिलाफ लिख कर बीजेपी को असहज स्थिति में डाल चुके हैं।

क्यों बीजेपी से जुदा हुई शिवसेना की राह, फडणवीस सरकार का अब क्या होगा अंजाम

बीजेपी अपनी तरफ से गठबंधन नही तोड़ेगी, शिवसेना भी यही चाहती है क्योंकि गठबंधन तोड़ मध्यावधि चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।