भारत सरकार के रसायन और उर्वरक मंत्रालय के अधीन केन्द्रीय पेट्रोरसायन इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थान “सिपेट” कौशल विकास और तकनीकि प्रशिक्षण की सुविधा के लिए भागलपुर (बिहार) और वाराणसी (उत्तर प्रदेश) में जल्दी ही अपने दो “सीएसटीएस” केन्द्र खोलने जा रहा है।
रसायन और पेट्रोरसायन सचिव श्री आर. के. चतुर्वेदी ने कहा कि इन केन्द्रों में पेट्रोरसायन और उससे जुड़े अन्य उद्योगों में रोजगार के लिए हर साल 1000 युवाओं को डिप्लोमा पाठ्यक्रम के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन केंद्रों द्वारा दी जाने वाली तकनीकी सहायता सेवाएं क्षेत्र में नए और मौजूदा उद्योगों के विकास के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में काम करेंगी।
पॉलिमर और संबद्ध उद्योगों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए वर्तमान में “सिपेट” के 43 केन्द्र काम कर रहे हैं और 9 और खुलने की प्रक्रिया में हैं। संस्थान राष्ट्र के प्रति अपनी समर्पित सेवाओं के 50 वर्ष पूरे कर चुका है। वर्तमान में इसके पॉलिमर साइंस, इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कौशल विकास और तकनीकि सहयोग का प्रशिक्षण देने वाले 31 सीएसटीएस केन्द्र हैं जहां डिप्लोमा, स्नातकोत्तर डिप्लोमा स्तर के कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
“सिपेट” सरकार की ओर से चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों जैसे स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्वच्छ भारत अभियान, स्टैंड अप इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया और डिजिटल इंडिया आदि में सक्रिय रूप से योगदान दे रहा है।
“सिपेट” से अबतक एक लाख से अधिक छात्र प्रशिक्षण लेकर निकल चुके हैं। इनमें से कई अपने कौशल और उद्मशीलता के बूते दुनिया के विभिन्न हिस्सों में ऊंचे पदों पर कार्यरत हैं जो कि “सिपेट” की एक बड़ी उपलब्धि कही जा सकती है।