सोशल मीडिया पर आये दिन लोग तरह-तरह के दावे करते रहते है. उनमें से कुछ सही तो कुछ गलत साबित होते है. ऐसा ही दावा अब राष्ट्रपति भवन में बने मुग़ल गार्डन को लेकर किया जा रहा है. इस दावे के मुताबिक भारत सरकार जल्द ही मुग़ल गार्डन का नाम बदलकर डॉ राजेंद्र प्रसाद गार्डन या अशोक वाटिका करने जा रही है. ये दावा इसलिए भी सही लगता है क्यूंकि पिछले साल ही हिन्दू महासभा ने मुग़ल गार्डन का नाम बदलने की मांग की थी.
ये खबर सोशल मीडिया पर इतनी तेज़ी से फैली की खुद केंद्र सरकार को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा. केंद्र सरकार की आधिकारिक सूचनाओं को साझा करने वाली संस्था PIB ने इस दावे को सिरे से नकार दिया है. PIB ने ट्विटर पर एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा- “दावा: वायरल ट्वीट में दावा किया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट का चिन्ह ‘सत्यमेव जयते’ की जगह बदलकर ‘यतो धर्मस्ततो जय:’ कर दिया गया है. #PIBfactcheck:- यह दावा फर्जी है, सुप्रीम कोर्ट का चिह्न नहीं बदला है। सुप्रीम कोर्ट का ध्येयवाक्य हमेशा ही ‘यतो धर्मस्ततो जय:’ रहा है.” PIB के इस बयान से मुग़ल गार्डन का नाम बदलने वाले दावे की पोल खुल गई और वो झूठा साबित हुआ
Claim: An allotment letter purportedly issued by Medical Counselling Committee (MCC) is doing the rounds of social media.#PIBFactCheck: It's #Fake. MCC has not issued any such allotment letter.
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) August 22, 2020
Do not forward the same
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