उत्तरप्रदेश के सीएम और बीजेपी के फायरब्रांड हिंदूवादी छवि वाले नेता योगी आदित्यनाथ पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में हैं। इसके पीछे उनका वह बयान है जिसमे उन्होंने हनुमान यानि बजरंगबली को दलित बताया था। यह बयान उन्होंने दिया या नही यह तो चर्चा का विषय है ही, साथ मे उनके बयान को जिस तरह देश भर की मीडिया ने पेश किया वह सवालों के घेरे में है। इस बयान के बाद न सिर्फ यूपी की राजनीति में बवंडर मचा है बल्कि देश भर के दल और दलित संगठित हो हनुमान मंदिरों में कब्जा करने को एकजुट होने लगे हैं।
खैर इसे लोकतंत्र और संविधान की खूबी कहें या खामी यह समझ से परे है। योगी के बयान को अगर पूरी तरह से सुना जाए तो यह बयान तोड़- मरोड़कर पेश किया गया है यह साफ हो जाता है। हालांकि इन सब के बीच राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप के दौर जारी हैं। यह होना सही भी है। नतीजे पक्ष में आएं या विपक्ष में यह मायने नही रखता है, मायने रखता है उद्देश्य और अगर उद्देश्य सही हो तो गलत बयान भी सही माना जा सकता है। हालांकि देवताओं, धर्म और जाति के नाम पर चले वेले भारतीय लोकतंत्र में यह मुद्दे कहीं से जायज नही हैं। इन सब के बाद अगर यह मुद्दे जनता को प्रभावित कर रहे हैं तो यह देश, दल, जन और जनतंत्र के लिए बेहद दुखद हैं। बीजेपी के मंत्री भी अलग-अलग मत रखते हैं। वहीं आप नेता और दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने यहां तक कह दिया कि जब दुनिया विज्ञान की बात कर रही है हम जाति में उलझे हैं। सही भी है। सोचिए।
आज जब दुनिया दूसरे ग्रहों यानि चांद और मंगल पर ध्यान लगाने में जुटी है। जब हर दिन नए आविष्कार हो रहे हैं ऐसे में हम जाति और धर्म की कभी न खत्म होने वाली बहस में शामिल हैं। जबकि इन सब से बड़े और जरूरी मुद्दे जैसे कि संविधान, कानून, बेरोजगारी,शिक्षा, सड़क, पानी, बिजली, विदेश नीति, भ्रष्टाचार, भीड़तंत्र इन सब पर ध्यान देने की जरूरत कहीं जाति से ज्यादा है। खैर यह लोकतंत्र की खूबी और खामी ही है कि नेता ऐसे बयान देते हैं, चौथा स्तंभ इन्हें सुर्खियां बनाता है और लोग इसे जरूरी या आवश्यक समझते हैं। इन सब से ऊपर उठ कर सोचने और समझने की जरूरत है। युवाओं और मेधा युक्त इस देश में आज जाति, वर्ण और धर्म पर नही बल्कि समाज और जिंदगी को ऊपर स्तर पर उठाने की बात होनी चाहिए, बेरोजगारी की बात होनी चाहिए। समझिए, सही को चुनिए,समझदारी से चुनिए।राज्य हो या देश, समाज हो या संस्कृति सब जरूरी है। धन्यवाद।