2014 के लोकसभा चुनावों के बाद देश के अंदर और बाहर अगर कोई नाम सबसे ज्यादा चर्चा में रहा है तो बेशक पीएम नरेंद्र मोदी का है। विपक्ष के आरोपों से लेकर विदेश यात्रा, नोटबंदी से लेकर जीएसटी जैसे फैसले, सोशल मीडिया से लेकर मन की बात, डिजिटल इंडिया से लेकर मेक इन इंडिया और न जाने क्या क्या ऐसी बातें हैं जो सहज ही उन्हें चर्चा और सुर्खियों के केंद्र में खींच लेती हैं। हो भी क्यों न वह सवा सौ करोड़ के नेतृत्वकर्ता जो हैं। खैर इन सब का अपना नफा और नुकसान भी है।
देखने का अलग नजरिया है। विरोध और समर्थन के लिए एक अलग हर व्यक्ति की सोच है। हालांकि इन सब के बीच एक ही दिन में मोदी सरकार से जुड़ी दो ऐसी खबरें आईं जिनपर न सिर्फ सरकार,बीजेपी या एनडीए में शामिल दल खुश हो सकते हैं बल्कि विपक्ष उदास हो सकता है और आम जनता गर्व महसूस कर सकती है।
खबर की शुरुआत से पहके आपको बता दें कि मोदी सरकार पर अर्थव्यवस्था को संभालने में विफल रहने का आरोप विपक्ष की तरफ से लगता रहा है। हालांकि इन सब के बीच कुछ दिनों पहले वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट आई जिसमे कहा गया कि भारत दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
अब एक ऐसी ही मिलती जुलती खबर आई है। इस खबर के मुताबिक भारत 2030 तक अमेरिका जैसी वैश्विक महाशक्ति को पीछे छोड़ सकता है। डीबीएस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि एशियाई अर्थव्यवस्थाओं का जीडीपी तेज वृद्धि के साथ 2030 तक 28,000 अरब डॉलर होगा और अमेरिका पीछे छूट जाएगा। यह तो हुई पहली खबर।
दूसरी खबर के मुताबिक पीएम मोदी दुनिया के उन सबसे ताकतवर और दूरदर्शी नेताओं में शामिल हैं जो दुनिया मे जलवायु परिवर्तन, गरीबी और शांति के प्रयासों को अमली जामा पहना सकते हैं।
यह रिपोर्ट ब्लूमबर्ग की तरफ से जारी की गई है। मोदी के अलावा इस लिस्ट में चीन,उत्तर कोरिया, अमेरिका जैसे देशों के शीर्ष नेता भी शामिल हैं। इस रिपोर्ट में मोदी सरकार के कामकाज और उनकी लोकप्रियता को आधार मानते हुए यह भी लिखा गया है कि मोदी के नेतृत्व में न सिर्फ 2019 में सरकार बनेगी बल्कि वह 2024 में भी जीत सकते हैं। ऐसे में भारत मे 2029 तक स्थाई सरकार बनने का रास्ता साफ दिख रहा है।
हालांकि इस रिपोर्ट से जहां आम जनों के मन मे मोदी सरकार के प्रति भरोसा जगेगा वहीं विपक्ष के लिए यह बुरी खबर साबित हो सकती है। बाकी आकलन और आंकड़े तो चुनावों के बाद ही स्पष्ट होंगे।