सुप्रीम कोर्ट ने सेवानिवृत कर्मचारी के पेंशन संबंधी याचिका पर सुनवाई करते हुए आज न सिर्फ एक अहम टिप्पणी की बल्कि बड़ा फैसला भी दिया है। जस्टिस एसके कौल, जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ ने केरल सरकार के सेवानिवृत्त एक कर्मचारी को राहत देते हुए राज्य सरकार को उसे अस्थायी कर्मचारी के तौर पर देखते हुए उसके 32 वर्ष के कार्यकाल के आधार पर पेंशन लाभ देने का आदेश दिया। कोर्ट ने सरकार को अगले आठ हफ्तों के अंदर याचिकाकर्ता को पेंशन का 13 साल का एरियर ब्याज समेत देने का आदेश दिया।
पीठ ने इस याचिका पर फैसला देते हुए यह भी कहा कि पेंशन मदद के लिए दी जाने वाली राशि है। इसे इच्छानुसार तय नहीं कर सकते। कर्मचारी सेवानिवृत्त होने के बाद पेंशन की मदद से ही गरिमापूर्ण जीवन जीता है। इसे देने से इनकार नहीं किया जा सकता। आपको बता दें कि केरल सरकार का यह कर्मचारी अलग अलग सरकारी विभागों में 32 वर्ष सेवा दे चुका है। पिछले 13 सालों से कानूनी लड़ाई लड़ रहा था। पेंशन मिलने के मामले को लेकर अब जाकर सुप्रीम कोर्ट से यह फैसला आया इसके बाद कर्मचारी को पेंशन मिलने का रास्ता साफ हो गया।