देश मे काफी समय से राफेल विमान सौदे को लेकर राजनीतिक बवाल मचा हुआ है। कांग्रेस और बीजेपी के अलावा फ्रांस भी अब तक इस विवाद के केंद्र में रहे हैं। आरोप है कि राफेल खरीद में बड़ी गड़बड़ हुई है। हालांकि भारत और फ्रांस की सरकारें अब तक इन आरोपों को सिरे से खारिज करते रहे हैं। अब इन सब के बीच यह दावा फ्रांस सरकार ने किया है कि हमने छह देशों को राफेल बेचे हैं और इन सभी देशों में से सबसे सस्ता सौदा हमने भारत के साथ किया है। दावा यह भी है कि भारत को यह विमान 20 फीसदी कम दामों में दिए गए थे। खैर अब इन विवादों से हटकर बात करते हैं राफेल विमानों की और कब तक मिलेंगे यह भारतीय वायुसेना को?
आपको बता दें कि फ्रांस अगले साल सितंबर से राफेल विमानों की डिलीवरी करना शुरू कर देगा। राफेल विमान लगभग बन कर तैयार हैं। अब इन्हें भारत की जरूरतों के अनुसार हथियार से लैश करने की तैयारी है। खास बात यह है कि राफेल पर भारत मे मची राजनीतिक जंग के बीच एयफोर्स के उपप्रमुख एयर मार्शल रघुनाथ नंबियार ने गुरुवार को फ्रांस में राफेल विमान उड़ाया। वह कुछ दिनों पहले से फ्रांस में थे और वह इसके गुण और दोष की परख करने के लिए इसे उड़ाने पहुंचे थे। इसके अलावा यहां यह बताना भी आवश्यक है कि राफेल को भारत की जरूरतों के अनुसार तैयार करने के लिए भारतीय विशेषज्ञों की एक टीम पहले से फ्रांस में मौजूद है। ऐसे में अब देखना है कि विवादों का सौदा बनें राफेल पर बवाल कब थमता है।