आई एन डी आई के गठबंधन के बाद विपक्ष पक्ष पर सियासी हमले करता दिख रहा है, मणिपुर का मुद्दा उठाकर बार-बार प्रधानमंत्री पर सियासी वार करते हुए सत्र में हंगामे कर रहा है। मॉनसून सत्र के दौरान विपक्षी अब तक प्रधानमंत्री पर छह बार सियासी अटैक कर चुके हैं।
इसके बाद भाजपा भी पलटवार की राजनीति अपना रही है अमित शाह समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी आई एन डी आई ए गठबंधन के खिलाफ मोर्चा संभाल लिया है।
2014 के बाद यह पहली बार है जब विपक्षी गठबंधन के खिलाफ भाजपा रणनीति तैयार कर रहा है, 26 दलों के गठबंधन का भाजपा से करीब 450 सीटों पर मुकाबला होने के आसार हैं।
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने महत्वपूर्ण नरेटिव सेट कर लिया है और इसका कमान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संभाल लिए हैं, विपक्षियों के गठबंधन के बाद प्रधानमंत्री इस गठबंधन पर लगातार अटैक कर रहे हैं, उन्होंने आई एन डी आई ए गठबंधन को भ्रष्टाचारियों का अड्डा बताया और इसकी तुलना आतंकवादी संगठनों से की है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएफआई, इंडियन मुजाहिद्दीन और सिमी जैसे आतंकी संगठनों के नाम में भी इंडिया जुड़ा था।
उधर अमित शाह मजबूत दलों और नेताओं को बीजेपी में जोड़ रहे हैं. विपक्ष के इंडिया मुहिम के बाद शाह 4 बड़े दलों को बीजेपी में जोड़ चुके हैं.
इनमें अजित पवार की एनसीपी, ओम प्रकाश राजभर की सुभासपा, चिराग पासवान की लोजपा (आर) और जीतन राम मांझी की हम (से) प्रमुख हैं।