नितीश और उनकी सरकार द्वारा शिक्षा का सत्यानाश लगातार दूसरे वर्ष भी जारी है।पिछले साल परीक्षा के दौरान कदाचार और उससे जुडी ख़बरों तथा शेयर की गई फ़ोटो ने न सिर्फ पूरी दुनिया का ध्यान खिंचा बल्कि एक नई बहस को जन्म भी दिया था।इन ख़बरों ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था और यहाँ की मेधा एवं प्रतिभा पर भी सवालिया निशान लगाया था।बहरहाल,बीती ताहि बिसार दे की सुध पर सब कुछ भूल कर सिख लेते हुए इस साल परीक्षा में कई और काफी एहतियात प्रशासन और सरकार द्वारा बरते गए,परीक्षा शांतिपूर्ण और कदाचार मुक्त होने के दावे किये गए।सब सही चल रहा था लेकिन परीक्षा परिणामों की घोषणा ने बिहार सरकार, सम्बंधित विभाग,छात्रों,अभिभावको तथा समूचे देश और विश्व में भूचाल ला दिया है।जहाँ एक ओर विज्ञान के अव्वल और शीर्ष स्थान प्राप्त छात्र की पोल खुल गई वहीँ दूसरी तरफ कला संकाय की छात्रा ने बेवकूफी की सभी हदें पार कर दी,मीडिया की सहभागिता के कारन ये कारस्तानी पुरे देश और राज्य के सामने आई,लगातार दूसरे वर्ष शिक्षा के छेत्र में सरकार और राज्य की प्रतिष्ठा को बट्टा लगा है।सरकार और शिक्षा मंत्री ने बोर्ड के सचिव जो जदयू नेत्री के पति भी हैं उन्हें हटा दिया गया है,कला संकाय की छात्रा के पिता ने अपनी स्वीकारोक्ति में कहा है की उनकी बेटी पढ़ने में काफी कमजोर है,तीसरी और सबसे प्रमुख बात कॉलेज के संचालक राजद के करीबी बताये जा रहे हैं,पिछले वर्ष भी यह कॉलेज जांच के दायरे में था।इन सब कड़ियों को अगर जोड़ कर देखें तो सारी कहानी स्पष्ट हो जाती है।जहाँ शिक्षा में नेतागीरी और ऊँची साख हावी हो वहां इस तरह की गड़बड़ियों को दूर करने का कोई रास्ता दिखाई नहीं पड़ता है।बहरहाल,सरकार को ऐसे सभी कॉलेजों पर बैन के साथ कड़ी करवाई,सम्बंधित विभाग की साफ़ सफाई पर विशेष ध्यान,छात्र जो इन वजहों से असफल हुए या अनुतीर्ण हुए उनके भविष्य हेतु उचित कदम उठाने का समय है।यह बात सिर्फ बिहार बोर्ड की इंटर और मेट्रिक परीक्षा तक ही नहीं है,शिक्षा माफिया की जडें उनके रसूखदार रिश्तेदारों,ऊँची पहुँच के बल पर प्राइमरी से उच्चतर शिक्षा के स्तर तक फैली हैं।तोमर प्रकरण,यूनिवर्सिटी में लूट और हर जगह सेटिंग गेटिंग ने पुरे शिक्षा का कबाड़ निकाल रखा है।
किसी भी राज्य और देश की बुनियाद उसकी अच्छी तालीम और शिक्षा व्यवस्था पर निर्भर करता है लेकिन जो बिहार आर्यभट,चाणक्य और वसिष्ठ नारायण सिंह जैसे महान शिक्षा बिभूतियों की भूमि रही है वहां ऐसे हालात चिंताजनक हैं।बिहार सरकार और सम्बंधित विभाग को इस पर यथाउचित कड़ी करवाई करनी चाहिए ताकि फिर ऐसी गलतियां,खामियाँ न हों और न ही गलत नतीजों का खामियाजा यहाँ के होनहार छात्रों को भुगतना पड़े।बिहार और बिहारी मेधा का सम्मान हो तथा फिर से बिहार ऐसी खामियों के लिए नहीं अपनी उपलब्धियों के लिए प्रसिद्ध हो सके।बिहार में ऐसी बहार न हो नितीश जी जो प्रतिभा रुपी दीप को सत्यानाश कर दे।
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