एससी-एसटी एक्ट में फंस गए सीएम साहब, क्या जाना होगा जेल ?

देश मे जब से एससी-एसटी एक्ट में बदलाव हुआ है तब से इसे लेकर राजनीतिक माहौल गर्म है। सवर्ण समुदाय जहां इसे लेकर सड़क और सोशल मीडिया तक प्रखर है वहीं पार्टियों को भी अब इज़के नुकसान और फायदे का आकलन और अनुमान सम्भवतः होने लगा है। इन सभी खबरों के बीच एक खबर ऐसी है जो न सिर्फ केंद्र और कई राज्यों में सत्ताधारी दल बीजेपी के लिए मुसीबत और परेशानी का सबब बन सकती है बल्कि उसके एक बड़े नेता को जेल तक कि हवा भी खानी पड़ सकती है। खैर अब देखना यह है कि इस मामले में तर्कसंगत कार्रवाई होती है या यह भी राजनीतिक हीलाहवाली की भेंट चढ़ जाता है। अगर कार्रवाई हुई तो यह शायद राजनीति के आका समझ पाएंगे कि जिस अध्यादेश को उन्होंने महज राजनीतिक फायदे के लिए लाया था उसका नुकसान किस हद तक उठाना पड़ सकता है।

अब आइये आपको बताएं कि माजरा क्या है। दरअसल एमपी विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर सीएम शिवराज जन आशीर्वाद यात्रा पर हैं। इसी दौरान का यह मामला है जो 2 सितंबर को घटित हुआ। इस क्रम में कांग्रेस की महिला जिला अध्यक्ष और चितरंगी से चुनाव लड़ चुकी महिला बसंती कोल का कहना है कि 2 सितंबर को शिवराज की जनआशीर्वाद यात्रा के दौरान चुरहट की अव्यवस्थाओं को लेकर काले झंडे दिखाए गए थे और लोकतांत्रिक तरीके से विरोध किया था। इसी दौरान तीखे विरोध को देखते हुए सीएम शिवराज के इशारे पर अधिकारियों ने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल कर अपमानित किया।

महिला का आरोप है कि इस दौरान मौजूद अधिकारियों ने उनके साथ धक्का-मुक्की की और उन्हें गिरा दिया, साथ ही अभद्र व्यवहार भी किया। महिला का आरोप है कि मुख्‍यमंत्री ने जान-बूझकर पुलिस को आदेश देकर मेरा अपमान कराया। बसंती कोल का कहना है कि सीएम और अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई होनी चाहिए। इस घटनाक्रम के बाद अब सवाल सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक उठने लगा है कि क्या शिवराज पर कार्रवाई होगी? अगर होगी तो कब क्योंकि नए कानून के मुताबिक एफआईआर दर्ज होने के बाद आरोपी की अविलंब गिरफ्तारी होनी चाहिए और उसके बाद जांच। ऐसे में शिवराज सिंह अब तक गिरफ्तार क्यों नही हुए? खैर यह राजनीति से प्रेरित हो या सच जो भी लेकिन इतना तय है कि यह मामला एमपी के राजनीति में बवाल मचाने को काफी है।

नोट-एफआईआर की तस्वीरें अन्य माध्यमों से ली गई हैं। इज़के पूरा क्रेडिट उन्हें दिया जाता है। तस्वीरों का प्रयोग रेफरेंस के लिए किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *