वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ईपीएफ और एमपी एक्ट, 1952 के अंतर्गत अर्ध-न्यायिक मामलों में वर्चुअल सुनवाई की सुविधा प्रदान की

ईपीएफ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की 227वीं बैठक आज श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), श्री संतोष कुमार गंगवार की अध्यक्षता में और श्री हीरालाल सामरिया, श्रम एवं रोजगार सचिव की सह-अध्यक्षता में हुई, केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त, श्री सुनील बरठवाल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सीबीटी, ईपीएफ के सदस्य सचिव के रूप में बैठक का संचालन किया।

केंद्रीय बोर्ड के बैठक की मुख्य बातें निम्नलिखित हैं:-

  1. श्री गंगवार ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ईपीएफ और एमपी एक्ट, 1952 के अंतर्गत अर्ध-न्यायिक मामलों में डेस्कटॉप/ लैपटॉप/ मोबाइल फोन के साथ संगत और सुरक्षित आईटी अनुप्रयोगों के माध्यम से वर्चुअल सुनवाई सुविधा की शुरूआत की। अनुपालन ई-कार्यवाही पोर्टल (https://eproceedings.epfindia.gov.in) पर ईपीएफओ की ई-कोर्ट प्रक्रिया के साथ वर्चुअल सुनवाई उपयोगिताओं को एकीकृत करने का उद्देश्य, निर्णय देने वाले अधिकारी के समक्ष सुनवाई में पक्षकारों की भौतिक उपस्थिति को समाप्त करना है जिससे नियोक्ताओं और कर्मचारियों को अपनी पसंद के दूरदराज के स्थान से सुनवाई में उपस्थित होने में आसान और सुविधाजनक हो सके। इस प्रणाली में पक्षकारों के समय, यात्रा और खर्च में बचत करने पर बल दिया गया है, जो अर्ध-न्यायिक तंत्र में बेहतर विश्वास उत्पन्न करने, कामगार के ईपीएफ देय राशि का फास्ट ट्रैक्स आकलन करने और महामारी के दौरान सामाजिक दूरी के मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करने का काम करता है। यह ईपीएफओ में फेसलेस अर्ध-न्यायिक कार्यवाही के उद्देश्य में एक महत्वपूर्ण विकास है।
  2. केंद्रीय बोर्ड ने कर्मचारियों की जमा लिंक्ड बीमा योजना, 1976 के पैरा 22 (3) में संशोधन के लिए मंजूरी प्रदान की है, जिससे कि वर्तमान अधिकतम आश्वासन लाभ को 6 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रुपये तक किया जा सके। इस संशोधन के द्वारा सेवारत कर्मचारियों की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु होने की स्थिति में योजना के अंतर्गत आने वाले सदस्यों के परिवारों और आश्रितों को अतिरिक्त राहत मिलेगी। सीबीटी को यह भी बताया गया कि ईडीएलआई फंड के बीमांकिक मूल्यांकन में 14.02.2020 के बाद 2.5 लाख रुपये का न्यूनतम आश्वासन लाभ जारी रखने और उन मृतक सदस्यों के परिवार को 2.5 लाख रुपये का न्यूनतम आश्वासन लाभ प्रदान करने की अनुमति दी गई है, जो उस माह से पहले के 12 महीनों के दौरान किन्हीं प्रतिष्ठानों में कार्यरत थे, जिनमें उनकी मृत्यु हो गई। जैसा कि सीबीटी, ईपीएफ ने अपनी 226वीं बैठक में अनुमोदित किया था।
  3. कोविड-19 से उत्पन्न हुए असाधारण परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, केंद्रीय बोर्ड द्वारा ब्याज दर से संबंधित एजेंडे की समीक्षा की गई और इसने केंद्र सरकार को 8.50 प्रतिशत की समान दर रखने की सिफारिश की है। इसमें 31 दिसंबर, 2020 तक, ईटीएफ की बिक्री और ऋण आय से 8.15 प्रतिशत और शेष 0.35 प्रतिशत (पूंजीगत लाभ) शामिल होगा। इसने वित्तीय वर्ष 2019-20 की आय में इस प्रकार के पूंजीगत लाभ को एक असाधारण मामले के रूप में ध्यान में रखने की सिफारिश की गई है।
  4. केंद्रीय बोर्ड को कोविड-19 महामारी के दौरान हितधारकों को निर्बाध सेवा प्रदान करने के लिए ईपीएफओ द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों से अवगत कराया गया। बोर्ड के सदस्यों ने इन पहलों की सराहना की और सभी हितधारकों को सेवा वितरण को और ज्यादा बेहतर बनाने के लिए सुझाव दिए गए। केंद्रीय बोर्ड को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के अंतर्गत, प्रतिष्ठानों और सदस्यों के लिए केंद्र सरकार द्वारा घोषित राहत उपायों से भी अवगत कराया गया, जिसे ईपीएफओ द्वारा डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सफलतापूर्वक लागू किया गया है।
  5. हाल ही में केआईटी पहलों और ईपीएफओ को पेपरलेस संगठन बनाने के लिए भविष्य का रोडमैप तैयार करने पर केंद्रीय बोर्ड ने ध्यान दिया। बोर्ड के सदस्यों ने इस बात की सराहना की कि ईपीएफओ नवीनतम प्रचलनों और प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहा है और अन्य सरकारी विभागों की मौजूदा पहलों का उपयोग करके और आंतरिक सेवाओं के लिए अपनी इन-हाउस क्षमताओं का प्रभावी ढंग से उपयोग करके लाभ प्राप्त कर रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *