इसके महज एक पहलू पर गौर करें या यूं कहें कि कोई एक ऐसी उपलब्धि रही तो वह यह कि इज़के माध्यम से आम लोगों के सुझाव पीएम तक पहुंचे। आमलोगों की उपलब्धियां पीएम तक पहुंची और फिर पीएम के द्वारा वह भारत भर में पहुँची।
मन की बात पर आधारित जिन दो किताबों का लोकार्पण पिछले साल राष्ट्रपति रहे प्रणव मुखर्जी की अगुवाई में किया गया और जिस लेखक का जिक्र किया गया वह असल मे इसके लेखक हैं ही नही?