बिहार में जिस तरह महिलाओं की लामबंदी ने अंगूर की बेटी से रिश्ता तुड़वाया ठीक उसी तर्ज़ पर झाड़ू,बेलन डंडा कल्क्षी के भरोसे उतरप्रदेश में भी शराबबंदी की मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया है। यूपी के अलग-अलग शहरों में महिलाएं शराब और शराबियों के खिलाफ आंदोलन कर रहीं हैं। महिलाओं द्वारा शराबबंदी की यह मांग राज्य के कई जिलों उठ रही है। शराबियों और शोहदों से परेशान महिलाओं ने अपने पति बच्चों और परिवार को नशे से दूर करने के लिए यह बीड़ा उठाया है। इस क्रम में राज्य की राजधानी लखनऊ से लेकर लखीमपुर,बिजनौर से जौनपुर,संभल से चम्बल और बरेली से बनारस तक महिलाओं के विरोध प्रदर्शन और अनशन के साथ तोड़फोड़ की ख़बरें भी लगातार आ रही हैं।

उत्तरप्रदेश में शराबबंदी का यह विरोध योगी सरकार बनने के बाद से और ज्यादा मुखर हुआ है। चुनावों के बाद योगी सरकार द्वारा दनंदन लिए जा रहे फैसलों से महिलाओं को शराबबंदी की उम्मीद भी जगी है। महिलाओं का हौसला इसलिए भी बुलंद है क्योंकि कुछ दिनों पहले ही देश की सर्वोच्च अदालत ने अपने एक आदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग के पांच सौ मीटर के दायरे में शराब की बिक्री पर रोक लगाने को कहा था। इस आदेश के बाद नए जगह की तलाश में हाईवे से हटाए गए शराब के ठेके कॉलोनियों और गली-मुहल्ले में खुलने लगे इससे नाराज महिलाओं का आक्रोश अब भड़क उठा है। शराब की बिक्री और इसके प्रयोग से महिलाएं इस कदर आज़ीज़ हैं कि वो अब संगठित होकर न सिर्फ सड़कों पर उतर चुकी हैं बल्कि अवैध शराब के साथ गाँव और कस्बों में स्थित सरकारी शराब के ठेकों को बंद कराने पर भी आमदा हैं।
हमारे यहाँ एक कहावत भी है राम नाम की लूट है लूट सको तो लूट बस इसी को चरितार्थ करते हुए महिलाओं के इस उग्र प्रदर्शन में दारू के शौक़ीन भी फ्री में मधुशाला लूटने पहुँच रहे हैं ।
महिलाओं के प्रदर्शन के बीच कई जगहों से मारपीट,लूटपाट और आगजनी की घटनाएँ भी सामने आई है। इन घटनाओं में शराब लूटने की बात कही गई है। ऐसे में प्रशासन के लिए भी महिलाओं का सामना करनाएक बड़ी चुनौती बन गया है। शराबबंदी की मांग पूरे यूपी में जंगल की आग की तरह फ़ैल चुकी है। शराब व्यवसायी इससे सबसे अधिक परेशान हैं। इन सब ख़बरों के बीच सबसे अलग और सोचने वाली बात यह है कि क्या मोदी की राह पर चल रहे योगी गुजरात की तरह यूपी में शराबबंदी कराएँगे?क्या महिलाओं के आगे आने से योगी को इस फैसले में आसानी मिलेगी?
बिहार में नितीश कुमार अपनी शराबबंदी की डुग्गीसाल भर से बजा रहे हैं,राज्य का राजस्वा गया या आया अलग बात है,44हज़ार लोग गिरफ्तार हुए बिहार में यह भी थोडा किनारे रहते हैं लेकिन कुल मिलाकर सबसे बड़ी मानव श्रृंखला भी तो बनी,बस यही काफी है यह बताने को कि योगी सरकार भी ऐसे कदम उठा सकती है। हालांकि अभी तक ऐसी कोई भी खबर सरकार की तरफ से नहीं मिली है।हाँ यह जरुर कहा गया है कि नए ठेके नहीं खुलेंगे।
पुलिस प्रशासन रोमियो के बाद अब ठेकों को बचाने की चुनौती का सामना कर रहा है। ऐसे में सीएम योगी और उनकी सरकार जल्द ही सरका कोई बड़ा फैसला ले सकती है। बिहार में शराबबंदी की शुरुआत कमोबेश ऐसे ही हुई थी। जिसके बाद पहले बिहार में देशी शराब पर प्रतिबंध लगा और फिर कुछ घंटों के अन्दर ही पूर्ण शराबबंदी की घोषणा कर दी गई थी। ऐसे में यूपी की महिलाओं द्वारा शराबबंदी के लिए बिहार जैसी शुरुआत का अंजाम भी अगर एक जैसा हुआ तो यूपी में शराबबंदी लागू हो सकती है।