कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच शायद ही ऐसा कोई दिन बीत रहा होगा जब कोई बुरी खबर नजरों के सामने नही आती है। हालांकि बीच बीच मे वैक्सीन या इसके निदान से संबंधित ख़बरों के आने के सताइस लगता है कि अब शायद कोई राहत मिलेगी लेकिन यह सब अभी दूर की कौड़ी ही नजर आती है। अब एक और बुरी खबर सामने आई है। इस खबर को आसान भाषा मे समझें तो यह है कि अगर आप कोरोना वायरस के संक्रमण से ठीक हो गए तो भी आप कई जानलेवा बीमारियों की गिरफ्त में आ सकते हैं। इसे पोस्ट कोरोना सिंड्रोम नाम दिया गया है।
शीर्ष अमेरिकी वैज्ञानिक निकायों द्वारा पोस्ट-कोविड -19 का विश्लेषण करने वाली संस्था नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी सूचना और रोग नियंत्रण और रोकथाम (सीडीसी) केंद्रों ने पाया है कि कोरोनोवायरस संक्रमण से उबरने वाले कई रोगियों को जानलेवा बीमारियों वाले लक्षणों का सामना करना पड़ रहा है। दुनिया भर के अस्पतालों में बच्चों में हार्ट अटैक, स्ट्रोक, न्यूरोलॉजिकल समस्याएं, फेफड़ों की क्षति या शारीरिक थकान जैसे लक्षणों के साथ मल्टी ऑर्गन फेलियर सिंड्रोम भी देखे गए हैं।
जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में आयोजित जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा किए गए एक नमूने के अध्ययन में पाया गया कि कोविड -19 से पीड़ित 78% लोगों में दिल से जुड़ी समस्याओं के लक्षण दिखाई दिए। ये स्वस्थ व्यक्ति थे और 40 से 50 वर्ष की आयु के थे। कोरोना से पीड़ित होने के बाद इनमे यह लक्षण सामने आए। छह महाद्वीपों के 69 देशों में यूके के एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में 55% रोगियों में हृदय की असामान्यता पाई गई जबकि 15% रोगियों में गंभीर असामान्यताएं दिखाई दीं। ऐसे सभी बरामद मामलों में अतीत में संबंधित मुद्दे नहीं थे। यह सभी लोग स्वस्थ थे।