दिल्ली में एमसीडी चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। इसके साथ ही राजधानी में राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ी हुई हैं। भाजपा और आप में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इन सबके बीच महाठग सुकेश चंद्रशेखर की लिखी चिट्ठी की वजह से जहां आप बैकफुट पर है वहीं बीजेपी हमलावर है। घोटाले पर पहले से घिरी आप अब प्रदूषण की वजह से भी बुरी तरह घिरती नजर आ रही है। जाहिर है कि इस का असर इन चुनावों पर देखने को मिलेगा, लेकिन अगर पार्टी कार्यालयों में चल रही गहमागहमी पर ध्यान दें तो बहुत हद तक स्थिति साफ होती नजर आ रही है।
चुनावों के ऐलान के बाद माहौल समझने के लिए आज हम दिल्ली स्थित तीन मुख्य राजनीतिक दलों भाजपा, आप और कांग्रेस के कार्यालय पहुंचे। इस दौरान भाजपा दिल्ली के कार्यालय पर जहां भारी गहमागहमी दिखी वहीं इसके मुकाबले कांग्रेस और आप के मुख्यालय पर सन्नाटा पसरा नजर आया। भाजपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं से बात करने में यह तो स्पष्ट नजर आता है की भाजपा में टिकट के दावेदारों की संख्या काफी ज्यादा है। एक-एक सीट पर दर्जनों दावेदार हैं ऐसे में पार्टी के लिए सही और जिताऊ उम्मीदवार का चुनाव करना भी काफी टेढ़ा होने जा रहा है।
दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के कार्यालय की बात करें तो यहां चहल-पहल नहीं के बराबर दिखी। प्रेस कांफ्रेंस होने की वजह से आप कार्यालय में मीडिया के कुछ लोग और एक प्रवक्ता और उनके समर्थकों को छोड़ दें तो चुनावी माहौल अभी कम से कम बनता नजर नहीं आ रहा है। वहीं कांग्रेस कार्यालय में भी पुराने कुछ कार्यकर्ताओं और दावेदारों के अलावा जमीनी स्तर से जुटने वाले कार्यकर्ताओं की भीड़ नदारद नजर आई। ऐसे में कहीं न कहीं यह इस बात का संकेत है कि एमसीडी में भाजपा सबसे मजबूत नजर आ रही है। कार्यकर्ताओं की भीड़ यह बताने को काफी है कि माहौल किसके पक्ष में है।
इस मामले पर जब हमने आम लोगों से बात कर मन टटोलने की कोशिश कि तो कहीं न कहीं यह स्पष्ट नजर आया कि आप से लोगों का जहां मोहभंग हो रहा वहीं एमसीडी में भाजपा के कार्यों से लोग लगभग संतुष्ट नजर आए। लोगों ने स्पष्ट कहा की केजरीवाल सरकार द्वारा फंड रोकने के बावजूद सीमित संसाधनों में भी भाजपा ने अच्छा काम किया है हालांकि सुधार की काफी गुंजाइश है। आने वाले समय में नतीजे किसके पक्ष में जायेंगे यह तो कहना मुश्किल है लेकिन फिलहाल कार्यालयों का माहौल यह बताने को काफी है कि भाजपा में दावेदारों की संख्या बहुत है और आप कांग्रेस इस मामले में फिलहाल पीछे हैं।