वाराणसी और राम नगरी अयोध्या से भी गुजरेगी बुलेट ट्रेन

देश में बुलेट ट्रेन के संचालन की देखरेख कर रहे नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने 865 किलोमीटर के दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर को लेकर उम्मीद जताई है कि इसका फाइनल डीटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार होकर अगले महीने सितंबर तक पेश कर दी जाएगी। यह बुलेट ट्रेन दिल्ली के सराय काले खां से शुरू होकर प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी तक जाएगी। इस रूट की शुरुआत दिल्ली के सराय काले खां से होगी और नोएडा के सेक्टर 144 में यूपी का पहला जबकि जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट दूसरा बुलेट ट्रेन का स्टेशन बन सकता है। ऐसे में वाराणसी और अयोध्या वासियों को तोहफा मिलने की उम्मीद है।

बताया जा रहा है कि दिल्ली-वाराणसी तक चलने वाले बुलेट ट्रेन के 12 स्टेशन हो सकते हैं जिसमें दिल्ली से शुरू होते हुए नोएडा, मथुरा, आगरा, इटावा, कन्नौज, लखनऊ, अयोध्या, रायबरेली, प्रयागराज, भदोही और वाराणसी शामिल होंगे। इस कॉरिडोर की बुलेट ट्रेन  एलिवेटेड लाइन पर चलेगी जिसकी ऊंचाई करीब 10 मीटर होगी और कुल दूरी 865 किलोमीटर से ज्यादा होगी। यह ट्रेन रामनगरी अयोध्या भी जाएगी। बुलेट ट्रेन की योजना धरातल पर आने के बाद दिल्ली से अयोध्या और वाराणसी तक जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह यात्रा बेहद अहम होगी क्योंकि माना जा रहा है कि महज 4 घंटों में श्रद्धालु राम नगरी अयोध्या और बाबा नगरी काशी पहुंच जाएंगे। गौरतलब है कि दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन कॉरिडोर की अंतरिम डीपीआर पिछले साल 29 अक्टूबर को पेश हुई थी, जिसके बाद जनवरी 2021 से इस कॉरिडोर के फाइनल डीपीआर पर काम शुरू हुआ, और अगले महीने सितंबर तक इसके पूरे होने की उम्मीद है।

एनएचएसआरसीएल की प्रवक्ता सुषमा गौड़ ने पहले बताया था कि डेटा संग्रह और लिडार सर्वेक्षण सहित विभिन्न अन्य गतिविधियों से संबंधित निविदाएं, दिल्ली-वाराणसी के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने के लिए आवश्यक है, जिसके लिए डीपीआर का पहला मसौदा पहले ही प्रस्तुत किया जा चुका है। वाराणसी-हावड़ा (करीब 760 किलोमीटर)

दिल्ली-अहमदाबाद (करीब 866 किलोमीटर)

दिल्ली-अमृतसर (करीब 459 किलोमीटर)

मुंबई-नागपुर (करीब 753 किलोमीटर)

मुंबई-हैदराबाद (करीब 711 किलोमीटर)

चैन्नई-मैसूर (करीब 435 किलोमीटर)

इन रूटों पर ज्ञात हो कि बुलेट ट्रेन योजना का सर्वे चल रहा है जो 2021 और 2022 तक चरणबद्ध तरीके से पूरा हो जाएगा और इसके बाद दिसंबर 2023 में सभी रूटों के डीपीआर रेल मंत्रालय को सौंप दिया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *